योगी सरकार के पहले कार्यकाल में डिप्टी सीएम रहे ब्राह्मण चेहरा दिनेश शर्मा को योगी 2.0 में कैबिनेट में जगह नहीं मिली। सियासी गलियारे में चर्चाओं का दौर लगातार जारी था कि क्या दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा या नहीं? इसका जवाब शपथ ग्रहण समारोह से कुछ देर पहले मिल गया जब सामने आई लिस्ट में ब्रजेश पाठक का नाम केशव प्रसाद मौर्य के साथ डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ लेने वालों में शामिल था। वहीं, कैबिनेट मीटिंग के लिए लोकभवन पहुंचे ब्रजेश पाठक ने एक सवाल के जवाब में कहा, भाई तुम लोग तो सब जानते हो।
ब्रजेश पाठक कैबिनेट मीटिंग में शामिल होने के लिए लोकभवन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सभी का अभिनंदन किया। योगी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान कानून मंत्री रहे ब्रजेश पाठक का कद योगी सरकार 2.0 में बढ़ गया है। उनको डिप्टी सीएम बनाए जाने से उनके समर्थकों में भी खुशी देखी गई। उनके घर के बाहर समर्थकों का जमावड़ा लगा था। एक समर्थक ने कहा कि भगवान राम ने ब्रजेश पाठक पर कृपा की है, वे न्यायप्रिय आदमी हैं और सर्वजन हिताय की बात करते हैं।
2017 के चुनावों में जीत के बाद भाजपा ने जातीय समीकरण साधने के लिए और संतुलन बनाए रखने के नजरिए से ब्राह्मण चेहरे के तौर पर लखनऊ के मेयर रहे डॉ दिनेश शर्मा और ओबीसी समुदाय के बीच मजबूत पकड़ रखने वाले केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाया था। राजनीतिक पंडितों की मानें तो पहले कार्यकाल में जब विपक्ष योगी आदित्यनाथ को ब्राह्मण विरोधी बताते हुए एक नेरेटिव गढ़ने कोशिश कर रहा था, तब डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा इस नेरेटिव तो न तोड़ सके और न खुद को ब्राह्मणों के चेहरे के तौर पर मजूबती से सामने ला सके। ऐसे में भाजपा को एक कद्दावर ब्राह्मण चेहरे की तलाश थी।
2017 के विधानसभा चुनाव में ब्रजेश पाठक को लखनऊ मध्य क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया गया था, जहां से उन्होंने चुनाव जीता। वहीं, 2022 के चुनाव में उनकी सीट बदल दी गई और उनको पार्टी ने लखनऊ कैंट से उतारा, जहां से वे विधायक चुनकर आए हैं।