योगी आदित्यनाथ यूपी में इतिहास रचते हुए शुक्रवार को लगातार दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगे। कभी संसद में फूट-फूट कर रोने वाले योगी जब इस बार सीएम की गद्दी पर बैठेंगे तो कई रिकॉर्ड टूट जाएंगे। सरकार चलाने के लिए अपने सख्त रुख के लिए जाने जानेवाले योगी को एक बार फिर से विधायक दल का नेता चुन लिया गया है।

जब संसद में छलके थे आंसू– तब योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद हुआ करते थे। पार्टी में कद उतना बड़ा नहीं था। बात 2006 की है जब संसद में लोकसभा अध्यक्ष के सामने जान का खतरा बताते हुए योगी आदित्यनाथ रो पड़े थे। उन्होंने कहा था कि यूपी में पुलिस के जरिए उन्हें परेशान किया जा रहा है। सपा सरकार उनके खिलाफ साजिश रच रही है।

क्या था मामला- दरअसल गोरखपुर जाते समय योगी आदित्यनाथ को 2006 में शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, तब उन्हें 11 दिन जेल में रहना पड़ा था। राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी, और मुलायम सिंह यादव सीएम थे। तब गोरखपुर में दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी, उसी को लेकर योगी वहां जा रहे थे, जब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था, गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा काटा था।

स्वतंत्र पहचान की ताकत- 2017 में जब योगी आदित्यानाथ सीएम बने तो उससे पहले इनके नाम को लेकर कोई चर्चा नहीं थी। चुनाव में अपने संगठन के जरिए योगी ताकत भी दिखाने की कोशिश कर रहे थे, दरअसल योगी आदित्यनाथ तब या उससे पहले भाजपा से इतर भी अपनी एक स्वतंत्र पहचान रखते थे, उनके उग्र हिन्दुत्व के कारण कई बार पार्टी असहज भी हो जाती थी, शायद यही कारण रहा कि तबतक यूपी में वो बीजेपी का चेहरा नहीं रहे, हालांकि इसका एक फायदा ये भी था कि वो पहली बार 1994 में योगी बने आदित्यनाथ 1998 में 26 साल की उम्र में सांसद बनकर केंद्र की राजनीति में पहुंच गए थे। इसके बाद वो कभी भी गोरखपुर से नहीं हारे। चाहे सामने कोई भी रहा हो, योगी आदित्यनाथ पर कोई फर्क नहीं पड़ा।

जब बनें पहली बार मुख्यमंत्री- पिछली बार यानि कि 2017 में जब बीजेपी की जीत हुई तो मनोज सिन्हा, केशव प्रसाद मौर्य जैसे नेताओं के सीएम बनने की चर्चा थी, लेकिन अचानक से बाजी पलटी और योगी के हाथ में राज्य की कमान सौंप दी गई। कहा गया कि संघ ने योगी को सीएम बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बीच-बीच में मोदी-शाह के साथ खटपट की भी खबरें रहीं, लेकिन 2022 में फिर से एक बार योगी आदित्यनाथ ही चेहरा रहे। बीच में एक बार तो यूपी में सीएम बदलने की बात भी कही गई थी, लेकिन योगी अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे थे।

दूसरी बार शपथ- योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगे। इस बार जब वो सीएम बनेंगे तो 37 साल बाद लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले वो पहले व्यक्ति होंगे। वहीं यूपी से उत्तराखंड के अलग होने के बाद पहले व्यक्ति हैं, जो लगातार दूसरी बार सीएम बने हैं। इसके साथ ही पिछले 15 सालों में वो पहले ऐसे विधायक हैं जो सीएम बनेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री के तौर पर मायावती, अखिलेश और खुद सीएम योगी का पहला कार्यकाल एमएलसी के रूप में रहा है।

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