उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत के बाद योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार (25 मार्च) को लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने शपथ ग्रहण के लिए इसी दिन को क्यों चुना? इसके पीछे एक रोचक कहानी है। दो साल पहले की एक घटना को इसका कारण बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इसी वजह से योगी ने शपथ ग्रहण के लिए आज का दिन चुना।
दरअसल दो साल पहले 25 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने रामलला को टेंट से बाहर निकालकर मानस मंदिर में विराजमन किया था। वह रामलला की स्थापना के लिए खुद अयोध्या पहुंचे थे। वह ब्रह्म मुहूर्त के समय श्रीराम लला परिसर पहुंचे। वहां एक घंटे रहे। इस दौरान वह रामलला की पूजा और आरती में भी शामिल हुए। योगी आदित्यनाथ के साथ श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारि और संत महंतों की मौजूदगी में यह काम पूरा हुआ।
नवनिर्मित गर्भगृह में रामलला को विराजमान करने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि रामलला के गरिमा का यह क्षण सदियों बाद आया है। श्रीरामलला अपने नए आसन पर विराजमान होकर हम सभी पर अपनी कृपा और आर्शीवाद प्रदान करते रहेंगे। गौरतलब है कि 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला रामलला के हक में फैसला आया था।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को अयोध्या में भव मंदिर बनाने का निर्देश दिया था। इसके बाद अस्थाई तौर पर 25 मार्च 2020 को करीब 28 सालों बाद रामलला को बूलेटप्रूफ मंदिर में विराजमान किया गया था। योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में यह हुआ था और इसके ठीक दो साल बाद उन्होंने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
योगी आदित्यनाथ को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में 50,000 से अधिक लोगों की उपस्थिति में राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। इसके अलावा दो उपमुख्यमंत्रियों समेत कुल 52 मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली। केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के साथ राज्य की सत्ता में वापसी की थी।
