अखिलेश यादव ने बीजेपी और अपने चाचा शिवपाल पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी अगर उनको लेना चाहती है तो देर क्यों कर रही है। चाचा को जल्दी से पार्टी में ले ले। उनका सवाल था कि बीजेपी के नेता चाचा को लेने में इतना क्यों सोच कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि मुझे चाचा से नाराजगी नहीं है लेकिन बीजेपी क्यों इतनी खुश है?

अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी आजम खान के साथ है। बीजेपी और कांग्रेस जब उन पर केस दर्ज कर रही थीं तब ये लोग कहां थे जो अब आजम खान के साथ सहानुभूति जता रहे हैं। उन्होंने खुद उन अफसरों से बात की थी जो आजम पर मुकदमे लगा रहे थे। लेकिन उन अधिकारियों का कहना था कि उन पर केस दर्ज करने का दबाव था। अखिलेश ने कहा कि जरूरत पड़ेगी तो मैं भी आजम से मिलने जाऊंगा।

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती से हाहाकार मचा हुआ है। उन्होंने दावा किया कि गर्मी बढ़ती जा रही, लेकिन राज्य सरकार बिजली की पर्याप्त व्यवस्था नहीं कर पा रही है। भाजपा के दूसरे कार्यकाल में बिजली मंत्री बदल गए, लेकिन हालात नहीं सुधरे। उन्होंने कहा कि सरकारी बयानों में ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा किया जा रहा है जबकि महज चार घंटे ही बिजली मिल रही है, कई स्थानों पर तो पूरी रात ब्लैक आउट रहता है।

दरअसल अखिलेश और शिवपाल के बीच खटास तब पैदा हुई जब विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद सपा ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी। अखिलेश ने शिवपाल यादव को मीटिंग में नहीं बुलाया। चाचा को विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाने से झटका लगा। उन्होंने नाराजगी भी जाहिर की थी। उनको पूरी उम्मीद थी कि विधायक दल की बैठक में उन्हें बुलाया जाएगा।

शिवपाल ने कहा था कि मुझे पार्टी की बैठक में नहीं बुलाया गया है। मैं दो दिन से इंतजार कर रहा था। इस बैठक में शामिल होने के लिए मैंने अपने दूसरे सारे प्रोग्राम कैंसिल कर दिए, लेकिन मुझे बुलाया नहीं गया। इसके बाद शिवपाल ने सीएम योगी से भी मुलाकात की थी।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव को सपा के चुनाव चिह्न पर ही जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ाया गया था। योगी से मीटिंग के बाद ही कयास लग रहे थे कि शिवपाल कभी भी सपा छोड़ सकते हैं। लेकिन अभी तक बीजेपी में वो शामिल नहीं हो सके हैं।