उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद आजम खान को लेकर राजनीतिक तापमान काफी गर्म है। आजम खान से मिलने को लेकर नेताओं की लाइन लगी हुई है। सीतापुर जेल में सबसे पहले आजम खान से शिवपाल सिंह यादव ने मुलाकात की थी। इसके बाद कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी आजम से मुलाकात की। सपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल आजम खान से मिलने गया लेकिन आजम ने उनसे मिलने से मना कर दिया। वहीं अब आजम खान ने ओमप्रकाश राजभर से भी मिलने से मना कर दिया है।

दरअसल सोमवार को आजम खान से मिलने के लिए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने आवेदन किया था लेकिन आजम खान ने इस आवेदन को अस्वीकार कर दिया है। ओमप्रकाश राजभर से आजम खान ने मुलाकात करने से मना कर दिया। इसके बाद ओमप्रकाश राजभर की भी काफी फजीहत हो रही है। उन्होंने कुछ दिन पहले ही एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा था कि वह जिससे मिलना चाहेंगे, मिल सकते हैं। उन्हें कौन रोकेगा?

22 अप्रैल को आजम खान से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने मुलाकात की थी। आजम से मुलाकात करने के बाद शिवपाल यादव ने कहा था कि आजम भाई के साथ अन्याय हो रहा है और अगर अखिलेश यादव चाहते तो आजम खान बाहर होते। शिवपाल यादव के बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई थी और लगभग सभी क्षेत्रीय दल आजम खान के पक्ष में खड़े हुए दिखाई देने लगे।

इसके बाद अखिलेश यादव ने सपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल विधायक रविदास मेहरोत्रा के नेतृत्व में आजम खान से मिलने के लिए सीतापुर जेल भेजा। लेकिन आजम खान ने प्रतिनिधिमंडल से मिलने से मना कर दिया। इस घटना के बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आजम खान समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं। आजम खान ने खराब सेहत का हवाला देते हुए प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने से मना किया था।

आजम खान की नाराजगी के कयासों को तब बल मिला जब आजम ने कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन से मुलाकात की। दरअसल एक दिन पहले ही आजम ने सपा नेताओं से मुलाकात करने से इंकार किया था। आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खान ने भी रामपुर में सपा की एक बैठक के दौरान कहा था कि अखिलेश यादव ,आजम खान साहब से मिलने जेल में सिर्फ एक बार गए हैं। आजम खान साहब को फैसला लेना चाहिए।