माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में पुलिस की मौजूदगी में हत्या के बाद से उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। योगी सरकार में एनकाउंटर और बुलडोजर एक्शन भी चर्चाओं का विषय रहा है। हालांकि, यूपी सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का मानना है कि जमीनों पर अवैध कब्जों को हटाना सख्ती नहीं बल्कि सुशासन है इसलिए बुलडोजर सरकार का इस्तेमाल करना गलत है।

द इंडियन एक्स्प्रेस के एक इंटरव्यू में उनसे बुलडोजर एक्शन और पुलिस एनकाउंटर को लेकर सवाल किया गया कि क्या किसी राज्य द्वारा इतना सख्त रवैया अपनाए जाने की लोकतंत्र में कोई सीमा है। रिपोर्टर ने पूछा कि राज्य के कई इलाकों में लंबे समय तक धारा 144 लागू की गई, अपराधियों के खिलाफ एनकाउंटर और बुलडोजर जैसे एक्शन लिए गए। रिपोर्टर ने यह भी सवाल किया कि नीतीश कुमार ने भी बिहार में जंगलराज खत्म किया लेकिन उन्होंने बुलडोजर की कार्रवाई का इस्तेमाल नहीं किया। इसके जवाब में मौर्य ने कहा कि यह सुशासन है और सरकार सिर्फ अपराधियों के साथ सख्त है। उन्होंने कहा, “भू-माफियाओं ने गरीबों को डरा धमका कर ग्रामीण क्षेत्रों में कई एकड़ जमीनों पर कब्जा कर लिया और उनका दावा था कि वह सपा, बसपा और कांग्रेस के मंत्री या नेता थे। मंत्री होने का मतलब यह नहीं है कि आप किसी की जमीन पर कब्जा कर सकते हैं। अगर जांच में कोई दोषी पाया गया और फिर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई तो आप बुलडोजर सरकार शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “जमीनों पर अवैध कब्जों को खाली कराना सख्ती नहीं सुशासन है। आप किसी भी आम ग्रामीण से पूछेंगे तो बताएंगे कि कैसे सपा के शासन में उनके किसी नेता पर गलत काम करने का आरोप लगाया गया तो ग्रामीण को ही जेल भेज दिया जाता था या उनके साथ मार-पीट की जाती थी। आज ऐसा नहीं होता है। हमें कोई शिकायत मिलती है तो उसकी जांच करते हैं और कानूनी कार्यवाही करते हैं। जब से हमने सत्ता संभाली है, यूपी में एक भी दंगा नहीं हुआ है। अयोध्या में भगवान राम जन्मभूमि विवाद 500 साल तक चला, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शांति से मंदिर बन रहा है।”

उन्होंने यह भी कहा, “हम पर बुलडोजर राजनीति करने का आरोप लगाया जाता है। ऐसा नहीं है कि हमने जमीनों के बड़े भूखंड़ों को खाली करवाया है। बल्कि हमारे पास अभी भी शिकायतें आ रही हैं, हम जांच करते हैं और गलत काम करने पर गरीबों को उनका हक वापस देते हैं।”

उनसे यह भी सवाल किया गया कि आपकी सरकार पर आरोप है कि कानून व्यवस्था सुधारने का उनका तरीका चयनात्मक है। लोगों का कहना है कि मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद पर यूपी पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय ने जमकर मुकदमा चलाया, जबकि पूर्वांचल, जौनपुर या बनारस के कुछ नेताओं को खुली छूट है। इस पर मौर्य ने कहा, “अपराधी कोई भी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उनकी कोई जाति या पार्टी नहीं है।”

वहीं, यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे रेस्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के सवाल पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अभी इस मामले में कुछ भी कहना ठीक नहीं क्योंकि जांच चल रही है। उन्होंने कहा, “खिलाड़ी देश का गौरव हैं। खेल मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति आरोपों की जांच कर रही है और एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। मेरे लिए यह कहना उचित नहीं है कि कौन सही है और कौन गलत क्योंकि जांच चल रही है। मुझे नहीं लगता कि कुछ कहने की जरूरत है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में खेल प्राथमिकता है, हमने एक संसद खेल महाकुंभ का आयोजन किया है, जो ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभाओं को तैयार कर रहा है।”