उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भाजपा दफ्तर के बाहर एक महिला ने आत्मदाह करने की कोशिश की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा दफ्तर के बाहर पहुंची महिला मिट्टी के तेल से भीगी हुई थी, जिसे देखते ही पुलिसकर्मी एक बारगी सकते में आ गए। फिर तुरंत ही उस महिला को पुलिसकर्मियों ने पकड़ लिया और आत्मदाह करने से रोक लिया। बताया जा रहा है कि उस वक्त सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ भाजपा दफ्तर में मौजूद थे।

महिला ने गोसाईंगंज पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि पुलिस उसके बेटे को गलत तरीके से फंसा रही है और फर्जी मामले में उसे जेल भेज दिया है। आत्मदाह की कोशिश करने वाली महिला रानीखेड़ा की रहने वाली बताई जा रही है। महिला ने सीएम योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है। आत्मदाह की कोशिश करने वाली महिला को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।

महिला का नाम राम प्यारी बताया जा रहा है। महिला रोते-बिलखते बार-बार यही कह रही थी कि पुलिस ने उसके बेटे को गलत तरीके से फंसाया है और जेल भेज दिया है। महिला का कहना था कि उसका बेटा निर्दोष है। फिलहाल, महिला को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है और इसके बाद, उससे पूछताछ की जाएगी।

जानकारी के मुताबिक, उस वक्त सीएम योगी भाजपा दफ्तर में मौजूद थे। वह पीएम नरेंद्र मोदी के ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम से जुड़ने के लिए पार्टी दफ्तर पहुंचे थे। इसके बाद वहीं से सीएम योगी विधान परिषद चुनावों को लेकर प्रधानों से वर्चुअली जुड़ने वाले थे।

सपा ने सीएम योगी पर साधा निशाना

वहीं, महिला द्वारा भाजपा दफ्तर के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश को लेकर समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, “गोसाईगंज पुलिस ने निर्दोष युवक को फर्जी मुकदमे भेजा जेल। BJP कार्यालय के बाहर पीड़ित की मां ने न्याय की गुहार लगाते हुए खुद को लगाई आग… ये है यूपी BJP सरकार में पुलिस, कानून व्यवस्था का हाल! कब जागेंगे CM? संज्ञान ले दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करते हुए युवक को कराएं आजाद।”