प्रयागराज में हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता महोम्मद जावेद ‘पंप’ के प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उनका घर बुलडोजर से जमीदोज कर दिया। वहीं, कार्रवाई के बाद कुछ ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं जो इस ओर इशारा कर रहे हैं कि वह घर आरोपी जावेद पंप के नाम नहीं बल्कि उसकी पत्नी प्रवीण फातिमा के नाम था।

प्रयागराज के जल कल विभाग की ओर से फरवरी 8 को जारी की गई घर के पानी के बिल की रसीद यह दर्शाती है कि परवीन फातिमा ने 4,578 रुपए के पानी के बिल का भुगतान किया था। दूसरी ओर प्रयागराज नगर निगम द्वारा जारी 28 जनवरी के एक प्रमाण पत्र से पता चलता है कि हाउस नंबर 39सी/2ए/1 परवीन फातिमा के नाम पर है और वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए हाउस टैक्स का भुगतान भी उसी की से किया गया था।

बता दें, प्रयागराज प्रशासन ने रविवार (12- जून-2022) को केवल एक दिन का नोटिस देने के बाद जावेद पंप के घर को यह कहते हुए ध्वस्त कर दिया कि निर्माण उत्तर प्रदेश शहरी नियोजन और विकास अधिनियम, 1973 ( Uttar Pradesh Urban Planning and Development Act, 197) के प्रावधानों का उल्लंघन कर किया गया था। प्रशासन की ओर से जारी नोटिस में परवीन फातिमा का नाम नहीं बल्कि उनके पति मोहम्मद जावेद का नाम था, जिन्हें हिंसा के आरोप में प्रयागराज पुलिस के द्वारा शनिवार (11-जून-2022) को गिरफ्तार किया गया था।

हमारे अंग्रेजी सहयोगी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत करते हुए जावेद और फातिमा की छोटी बेटी सुमैया फातिमा ने बताया कि पीडीए (Prayagraj Development Authority) ने मेरे पिता के नाम पर नोटिस जारी किया और मेरी मां के घर को गिरा दिया।  यह मेरी मां को दो दशक पहले उनके पिताजी कलीमुद्दीन सिद्दीकी ने गिफ्ट किया था। शुरुआत में एक केवल एक मंजिल बना हुआ था, लेकिन बाद में दो और मजिलों का निर्माण किया गया था।

जावेद के परिवार के वकील केके रॉय ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत करते हुए कहा कि रविवार को ध्वस्त किया गया घर मोहम्मद जावेद की पत्नी परवीन फातिमा के नाम पर है जबकि शनिवार को भेजा गया नोटिस जावेद मोहम्मद के नाम पर था। मुस्लिम कानून के अनुसार पत्नी की संपत्ति पति की नहीं होती है।  

जब इस मामले को लेकर पीडीए के सचिव अजीत सिंह और जोनल अधिकारी अजय कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। डीएम संजय कुमार खत्री भी टिप्पणी देने के लिए मौजूद नहीं थे।