उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 2.0 में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा सोमवार को कर दिया गया। इस दौरान कई नए चेहरों को अहम मंत्रालय मिला है तो कई बड़े नेताओं का कद कम कर दिया गया। ऐसे भी नेताओं में सुरेश खन्ना शामिल हैं। जब इसे लेकर उनसे पत्रकार ने सवाल किया तो वे नाराज हो गए। उन्होंने रिपोर्टर को सिंसियर बताते हुए प्रमोशन की सिफारिश करने की बात कही।
सुरेश खन्ना 9वीं बार विधायक चुने गए हैं और उन्हें वित्त और संसदीय कार्य मंत्रालय सौंपा गया है। पिछली सरकार में उनके पास ये दोनों विभाग के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग भी था। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को इसे सौंप दिया गया है। ऐसे में जब एबीपी न्यूज के रिपोर्टर ने सुरेश खन्ना से सवाल किया तो वे नाराज हो गए।
पत्रकार ने सुरेश खन्ना से सवाल किया कि आपको एक बार फिर से वही जिम्मेदारी और विभाग सौंपा गया है? इसका जवाब देते हुए मंत्री ने कहा, ” आप इतने सिंसियर हो कि सिंसियोरिटी का रिकॉर्ड कायम करोगे। हम आपको बधाई देते हैं। आपके ग्रुप से सिफारिश करेंगे कि आपका प्रमोशन कर दिया जाए।”
रिपोर्ट ने आगे सवाल किया कि लीडर ऑफ अपोजिशन अखिलेश यादव बने और आप नौवीं बार सदन पहुंचे है इसलिए भी संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया। इसका जवाब देते हुए सुरेश खन्ना ने कहा, ” मैंने कहा न कि बड़े भाई आपके अनुभव का फायदा हमें मिला। आप लगातार सबेरे से हमारे सामने माइक लगा देते हैं। सारा क्रेडिट मैं आपको देता हूं।”
वहीं कृषि मंत्री सूर्य प्रताप साही ने अपना पदभार संभाल लिया है। उनका भी विभाग नहीं बदला है और कमरा भी वही है। उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों की बेहतरी के लिए वे काम करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं पूरी कोशिश करूंगा कि किसानों को और बेहतर तरीके से लाभान्वित किया जाए।” उन्होंने विभाग और कमरा न बदलने पर कहा, “विभाग देने का काम नेतृत्व का है। माननीय मुख्यमंत्री जी का है। मेरा काम ठीक तरह से उत्तरदायित्व को निर्वहन करना है।” डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कार्यभार संभाल लिया है और उन्होंने तुरंत बैठक बुलाई। उन्होंने स्वास्थ्य, चिकित्सा और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिवों की बैठक बुलाई।