उत्तर प्रदेश के शामली में बुलडोजर कार्रवाई के दौरान 94 साल के बुजुर्ग की मृत्यु हो गई। पीड़ित परिवार के प्रति शोक जताने के लिए पहुंचे आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी ने सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि हम परिवार के आंसू पोछने आए हैं। योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई का विपक्ष लगातार विरोध करता रहता है। वहीं सत्ता पक्ष के लोग इसे कानून व्यवस्था सुधारने में अहम हिस्सा मानते हैं।

शामली जिले के गांव बहावड़ी में ओमपाल नाम के व्यक्ति ने सड़क पर अवैध चबूतरा बना रखा था और ग्राम प्रधान ने इसकी शिकायत डीएम से की थी। शनिवार को प्रशासन बुलडोजर लेकर अवैध निर्माण हटवाने पहुंचा और इस दौरान प्रधान और पुलिस से ओमपाल और उनके परिजनों की बहस हो गई। बहस के दौरान ही ओमपाल के बड़े भाई 94 वर्षीय हरदन सिंह की मृत्यु हो गई। हरदन सिंह की मृत्यु होने के बाद भी प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई की और कब्जा हटवाया।

मृतक हरदन के बेटे ने आरोप लगाया है कि प्रधान और पुलिस के द्वारा उनके पिता को धमकाया गया जिसके बाद हार्ट अटैक से उनके पिता की मृत्यु हुई। हरदन सिंह की मृत्यु होने के बाद गाँव में भारी भीड़ जमा हो गई और आरएलडी के विधायक प्रसन्न चौधरी भी गांव में पहुंचे।

वहीं आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भी सोमवार को मृतक हरदन सिंह के घर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा, “बुलडोजर का चलना कोई हल्की बात नहीं है और इसके चलने से परिवार तहस नहस हो जाते हैं। ऐसा पहला मामला सामने आया है कि एक व्यक्ति जिनकी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के लिए सरकारी बुलडोजर चल रहा था, वो इतने आहत और भावुक हुए, 94 साल जिनकी उम्र थी, उनका ऑन द स्पॉट निधन हो गया।”

जयंत चौधरी ने आगे कहा, “एक तरीके से एक नागरिक की हत्या कहो या मृत्यु कहो, हो गई लेकिन बाबा का बुलडोजर तब भी नहीं रुका। सरकारी नोटिस किसी को बुलडोजर देगा या पहले किसी को सुनवाई का मौका देंगे। ये पूरी तरह से गैरकानूनी है और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ है।”