महिलाओं और बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों में किसी भी आरोपी को अग्रिम जमानत ना मिले, इसके लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा में सीआरपीसी अमेंडमेंट बिल पारित किया गया। अब यह बिल केंद्र के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वहीं यूपी के रायबरेली से बीजेपी विधायक अदिति सिंह ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में 2013 के बाद से एनसीआरबी डाटा के अनुसार क्राइम रेट सबसे कम है।

बीजेपी विधायक आदित्य सिंह ने समाचार यूट्यूब चैनल यूपी तक से बात करते हुए कहा, “18वीं विधानसभा में महिलाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके साथ ही सदन में जो बिल पारित हुआ है इसका महिलाओं से ही लेना देना है। सदन में भी हमने बात रखी है कि महिला संबंधित अपराध के लिए हम जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए हुए हैं।”

अदिति सिंह ने आगे कहा, “अगर आप आंकड़े देखेंगे तो 2013 के बाद से यूपी में वर्तमान समय में सबसे कम क्राइम रेट है और यह मैं नहीं बोल रही हूं, ये आंकड़े बोल रहे हैं। यह तथ्य हैं जो एनसीआरबी डाटा के अनुसार हैं। इस सरकार में हर एक थाने में पुलिस की तैनाती बढ़ाई गई है, पिंक बूथों की संख्या को बढ़ाया बढ़ाया गया है। महिला संबंधित अपराध से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। 2017 के बाद पुलिस में महिलाओं की संख्या में 3 गुना की बढ़ोतरी हुई है।”

उत्तर प्रदेश सरकार और योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए अदिति सिंह ने कहा कि यूपी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई अहम कदम उठाए हैं, जिससे महिलाओं के खिलाफ अपराध कम हुआ है। उन्होंने कहा कि सदन में सीआरपीसी संशोधन बिल पारित होने से महिलाओं के खिलाफ अपराध में और कमी आएगी।

बता दें कि संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने शुक्रवार को विधानसभा में दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक 2022 पारित करने का प्रस्ताव रखा। सदन में बीजेपी के पास बहुमत है, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इसके ध्वनि मत से पारित होने की घोषणा की। इस बिल के पारित होने के बाद अब गंभीर महिला अपराधों में अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी। सरकार ने गंभीर अपराधों में जमानत के प्रावधान खत्म कर दिए हैं।

पिछले कुछ दिनों में जो महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं सामने आई है, उसके बाद सरकार की ओर से इसे बड़े एक्शन के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार ने संदेश देने की कोशिश की है कि महिला अपराधों के प्रति सरकार सख्त है और कड़े कदम उठा रही है।