वाराणसी के दौरे पर पहुंची पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) को विरोध का सामना करना पड़ा। वाराणसी में हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल की सीएम का काफिला रोकने की कोशिश की और नारेबाजी की। इस दौरान ममता बनर्जी को काले झंडे भी दिखाए गए। हालांकि, इस विरोध पर ममता बनर्जी ने कहा कि वह डरने वाली नहीं हैं, न ही भागने वाली हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार के तहत समाजवादी पार्टी के समर्थन में रैली करने ममता बनर्जी वाराणसी पहुंची थीं, जहां उनको विरोध का सामना करना पड़ा। रैली से पहले ममता बनर्जी गंगा घाट जा रही थीं, उसी दौरान उनका काफिला बीच सड़क पर रोककर हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने काला झंडा दिखाया। वे ‘ममता वापस जाओ’ के नारे भी लगा रहे थे। हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने ‘जय श्रीराम’ के नारे भी लगाए।
वहीं, मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं से काले झंडे छीनने और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने की कोशिश की। इसी बीच, बनर्जी कार से उतरीं और कुछ देर सड़क पर खड़ी रहीं। इसके बाद ममता बनर्जी ने कहा, “मैं वापस जाने नहीं आई हूं, मैं मीटिंग करूंगी, बनारस में रहूंगी, बाबा विश्वनाथ का दर्शन करूंगी, आप लोग भी मेहरबानी करके मेरे मीटिंग में आइए।”
यहां काफी देर तक पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की जैसे हालात बन गए थे। पुलिस बार-बार प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ने की कोशिश कर रही थी लेकिन हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता ममता के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। बीच सड़क पर ये हाई वोल्टेज ड्रामा काफी देर तक चला।
चेतगंज इलाके से ममता बनर्जी का काफिला दशाश्वमेध घाट गंगा आरती में शामिल होने के लिए बढ़ रहा था, यहां प्रदर्शनकारी हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने ममता बनर्जी को हिंदू विरोधी बताया और वापस जाओ के नारे भी लगाए।
ममता बनर्जी का विरोध कर रहे हिंदू युवा वाहिनी कार्यकर्ता मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे। वे बार-बार ममता बनर्जी को हिंदू-विरोधी बता रहे थे। बता दें कि वाराणसी में 7 मार्च को आखिरी चरण में मतदान होना है, जिसके लिए प्रचार 5 मार्च को थम जाएगा।