3 मार्च को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण के लिए मतदान होना है। इस चरण में भी कई दिग्गज नेताओं की साख दाव पर लगी हुई है। इनमें से एक यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) हैं, जो कुशीनगर की तमकुहीराज से चुनाव मैदान में हैं। अजय कुमार लल्लू यहां से दो बार चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि, हैट्रिक लगाने की कोशिशों के बीच, उनको अन्य दलों से कड़ी टक्कर मिलती दिखाई दे रही है।

अजय लल्लू तमकुहीराज से 2012 और 2017 के चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद यहां से लगातार तीसरी बार विधायक चुने जाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी उनके लिए यहां प्रचार कर चुकी हैं। प्रियंका उनके साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर घूम चुकी हैं। अजय लल्लू यहां से तीसरी बार जीत का दावा कर रहे हैं, हालांकि उनको अन्य दलों से तगड़ी चुनौती मिल रही है।

अजय लल्लू के खिलाफ बीजेपी गठबंधन के तहत निषाद पार्टी से डा. असीम कुमार मैदान में हैं, जबकि सपा ने उदय नारायण गुप्ता और बसपा ने संजय गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है। तमकुहीराज से जीत की हैट्रिक लगाने के इरादे से उतरे अजय लल्लू को यहां कई समीकरणों से पार पाना होगा। बसपा-सपा ने वैश्य कार्ड खेला है जबकि सत्ताधारी बीजेपी ने निषाद पार्टी के जरिए उन्हें घेरने की कोशिश की है।

परिसीमन के बाद तमकुहीराज सीट वजूद में आई थी। तब 2012 के विधानसभा चुनाव में अजय कुमार ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और भाजपा उम्मीदवार नंदकिशोर मिश्रा को 5860 वोटों से हराकर पहली बार विधायक बने थे। वहीं, भाजपा की जबरदस्त लहर के बावजूद 2017 के चुनाव में वह एक बार फिर चुनाव जीतने में सफल रहे, जब कांग्रेस के टिकट पर दोबारा उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी जगदीश मिश्र को मात दी थी।

क्या है तमकुहीराज का जातीय समीकरण

अजय लल्लू मद्धेशिया (बनिया) बिरादरी से आते हैं। इस सीट को लेकर ऐसा अनुमान है कि यहां पर ब्राह्माण मतदाता 8 फीसदी हैं, जबकि क्षत्रिय 8 फीसदी और भूमिहार 4 फीसदी हैं। वहीं, कुशवाहा 7 फीसदी, सैंथवार 8 फीसदी, मल्लाह 4 फीसदी, जायसवाल 8 फीसदी, यादव 8 फीसदी, निषाद 6 फीसदी, राजभर 6 फीसदी, अन्य पिछड़ी जातियां 10 फीसदी, अनुसूचित जातियां 12 फीसदी और मुस्लिम मतदाता 11 फीसदी हैं।