योगी आदित्यनाथ ने जब से दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है उसके बाद से ही बड़े माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई जारी है। बांदा जेल में बंद माफिया डॉन और पूर्व विधायक मुख्तार की मुसीबतें तो कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। अब प्रशासन ने गाजीपुर में मुख्तार अंसारी की करीब 5 करोड़ की बेनामी संपत्ति को कुर्क कर दिया है, जिससे मुख्तार और उसके परिवार की मुश्किलें और बढ़ गईं हैं।

गाजीपुर के जिलाधिकारी की ओर से पुलिस की आख्या पर गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत मुख्तार अंसारी के साले अनवर शहजाद और शरजील रजा के नाम पर दर्ज मोहल्ला बबेड़ी स्थित व्यवसायिक जमीन की कुर्की का आदेश दिया गया था। बुधवार को एसडीएम और सीओ सिटी की निगरानी में भारी पुलिस फोर्स ने मौके पर पहुंचकर जमीन की कुर्की करवाई। कुर्क की गई संपत्ति की कीमत 5 करोड़ 10 लाख रुपये आंकी गई है।

करीब 1 हफ्ते पहले ईडी ने मुख़्तार अंसारी के करीबी जेल में बंद शकील हैदर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। साथ ही लखनऊ में मुख्तार की पत्नी और विधायक बेटे अब्बास की करीब 20 से अधिक संपत्तियों को चिन्हित किया था। मुख्तार के करीबी शकील हैदर पर प्रयागराज के पंजाब नेशनल बैंक से फर्जी कागज दिखाकर 25 करोड़ लोन लेने का आरोप है। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही थी और उसी जांच के आधार पर ईडी ने मुकदमा दर्ज किया है।

वहीं 10 अप्रैल को गाजीपुर जिला प्रशासन ने गाजीपुर के महुआबाग स्थित शुभ्रा कॉम्प्लेक्स के सामने मुख्तार अंसारी की करीब 4 करोड़ की संपत्ति कुर्क की थी। यह जमीन मुख्तार अंसारी की मां राबिया खातून के नाम पर थी, जिसकी कीमत करीब 4 करोड़ बताई गई। वहीं ईडी ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से मुख्तार अंसारी की पत्नी और बेटे अब्बास अंसारी की संपत्तियों की जानकारी मांगी है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2017 में योगी सरकार बनने के बाद से अब तक मुख्तार अंसारी की करीब 65 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। जबकि उसके करीबियों की 110 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। मुख्तार के विधायक बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ भी कई मुक़दमे दर्ज हैं।