केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने रविवार (20, जनवरी, 2019) को बसपा प्रमुख मायावती से सपा का साथ छोड़ भाजपा संग गठबंधन करने को कहा। इसके लिए उन्होंने आंतरिक अंतर्विरोधों का हवाला देते हुए कहा कि सपा-बसपा का गठबंधन ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाला। 12 जनवरी को सपा और बसपा के राष्ट्रीय नेताओं ने एक प्रेस मीटिंग के जरिए उत्तर प्रदेश में साथ चुनाव लड़ने के फैसला लिया। इसके तहत दोनों पार्टियां 38-38 सीटें पर चुनाव लड़ेगी। दो सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ी गईं जबकि रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट से गठबंधन ने उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला लिया।
अठावले ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आईं रिपोर्ट्स से पता चला है कि सपा और बसपा कार्यकर्ता गठबंधन से खुश नहीं हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के नेता अठावले ने आगे कहा, ‘मायावती तीन बार भाजपा के समर्थन से उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी। बीएसपी का कैडर जानता है कि उसका समाजवादी पार्टी संग गठबंधन लोकसभा चुनाव में लाभ नहीं पहुंचाने वाला। इसलिए सपा की बजाय मायावती को भाजपा से हाथ मिलाना चाहिए।’
बता दें कि केंद्रीय मंत्री ने हाल के दिनों में भाजपा विधायक द्वारा मायावती के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी की भी तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘नेताओं को व्यक्तिगत हमलों के बजाय राजनीतिक होना चाहिेए।’ उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक की यह टिप्पणी चुनाव में बीएसपी को फायदा पहुंचाएगी।
अठावले ने पिछले साल गोरखपुर, फूलपुर, कैराना के लोकसभा उपचुनाव में भाजपा की हार का उल्लेख करते हुए कहा कि कई पार्टियों के संयुक्त रूप से एक उम्मीदवार को चुनाव में उतारने की वजह भाजपा को बहुत कम मार्जन से हार का मुह देखना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘लोकसभा चुनाव में लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में मतदान करेंगे और एनडीए सपा-बसपा गठबंधन को धराशायी कर देगा।’