राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय जनपदों के विधायकों को योगी 2.0 सरकार में जगह न मिल पाने से मंदिर समर्थक आश्चर्यचकित है। मंदिर आंदोलन के लिए अयोध्या, सुल्तानपुर, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, बस्ती और श्रावस्ती जनपद सक्रियता के लिए जाने जाते रहे हैं। अयोध्या जनपद से भाजपा के तीन विधायक अयोध्या, बीकापुर और रुदौली से चुने गए हैं। इसमें रुदौली के विधायक रामचन्द्र यादव पांचवी बार विधायक बने हैं। वे इस बार 40 हजार मतों से जीते हैं। मंत्री बनने के लिए उनके नाम की चर्चा थी।

सुल्तानपुर जनपद से भाजपा के तीन विधायक निर्वाचित हुए हैं। इनमें सुल्तानपुर से विनोद सिंह, लंभुआ से सीताराम वर्मा, कादीपुर से राजेश गौतम निर्वाचित हुए हैं। सीताराम वर्मा दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। अयोध्या धाम से सटे जनपद गोंडा से सभी सात सीटों पर भाजपा को विजयश्री मिली है। गोंडा जनपद से होकर अयोध्या में कारसेवा के लिए बड़ी संख्या में कारसेवक पगडंड से अयोध्या में कारसेवा के लिए पहुंचे थे।

कारसेवकों की कहानियां आज भी गोंडा जनपद में चर्चित हैं। गोंडा जनपद में कटरा से बावन सिंह कई बार विधायक चुने जा चुके हैं। तरबगंज से प्रेम नारायण दूसरी बार निर्वाचित हो चुके हैं। मनकापुर से पूर्व मंत्री रमापति शास्त्री फिर चुनाव जीत गए हैं। गौरा विधानसभा से प्रभात वर्मा दूसरी बार जीते हैं। वे भी मंत्री बनने की कतार में थे।

बलरामपुर जनपद में सदर से पलटूराम फिर मंत्री नही बन सके। उतरौला से राम प्रताप सिंह व तुलसीपुर से केएन शुक्ल भाजपा से ही विधायक बने हैं। देवीपाटन मंडल की 20 सीटों में से 16 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक निर्वाचित हुए हैं, परंतु कोई मंत्री नही बन सका। बहराइच जनपद से सुभाष त्रिपाठी कई बार के विधायक हैं। बहराइच सदर से अनुपमा जैसवाल पहले मंत्री रहीं। इस बार उनको मंत्री पद नही मिला।

बहराइच जनपद से चार भाजपा विधायक निर्वाचित हुए है। इसी प्रकार बस्ती जनपद से अजय सिंह व राम चन्द्र भाजपा विधायक बने हैं। संत कबीर नगर जिले की खलीलाबाद सीट के अंकुर तिवारी, घनघटा से गणेश चंद्र, मेहदावल से अनिल त्रिपाठी विजयी हुए हैं। श्रावस्ती जनपद से पार्टी के पुराने कार्यकर्ता राम फेरन पांडेय विधायक बने हैं।

राम मंदिर आंदोलन को धार देने वाले इन जनपदों से विजयी विधायकों में से किसी को भी मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने से मंदिर समर्थक निराश हैं। इन जिलों के जीते भाजपा विधायकों ने चुनाव प्रचार में मंदिर निर्माण को भी मुद्दा बनाकर विजय हासिल की है। नवनिर्वाचित एक विधायक ने बताया कि योगी 2.0 की सरकार में इस क्षेत्र को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है, लेकिन हमें विश्वास है कि प्रतिनिधित्व अवश्य मिलेगा। राम मंदिर आंदोलन से जुड़े इन जिलों में भाजपा विधायकों की संख्या इस प्रकार है- सुल्तानपुर-3 , अयोध्या-3, बहराइच-4, बलरामपुर-3, गोंडा-7, बस्ती-2, संतकबीर नगर-2, श्रावस्ती-1।

राम मंदिर आंदोलन को धार देने वाले इन जनपदों से विजयी विधायकों में से किसी को भी मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने से मंदिर समर्थक निराश हैं। इन जिलों के जीते भाजपा विधायकों ने चुनाव प्रचार में मंदिर निर्माण को भी मुद्दा बनाकर विजय हासिल की है। निर्वाचित एक विधायक ने बताया कि योगी 2.0 की सरकार में इस क्षेत्र को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है, लेकिन हमें विश्वास है कि प्रतिनिधित्व अवश्य मिलेगा।

राम मंदिर आंदोलन से जुड़े नेताओं में इस समय अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह, कैसरगंज के सांसद बृज भूषण सरण सिंह ही बचे हैं। मंदिर आंदोलन के नेता विनय कटियार इन दिनों किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। दो बार के सांसद संत डा रामविलास वेदांती भी किनारे लगा दिए गए हैं। मंदिर आंदोलन के समय सपा , बसपा में रहकर मंदिर समर्थकों का विरोध करने वाले इन दिनों सत्ता की मलाई काट रहे हैं। यह कहना है बुजुर्ग संत हनुमान सरण दास का। दास ने कहा कि अयोध्या के जनप्रतिनिधि के रूप में अयोध्या के संत योगी आदित्यनाथ को ही जानते हैं और उन्हीं से अपनी बात कहते हैं।