प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने हमले को जारी रखते हुए कांग्रेस ने पीएम के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी पर ज्यादा ध्यान देने करने और 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले किसान मुद्दों को उठाने का फैसला किया है। बीजेपी भी अपनी चुनावी रणनीति के तहत यूपी में कांग्रेस के गढ़ों अमेठी और रायबरेली पर लगातार फोकस कर रही है। कांग्रेस की फरवरी में वाराणसी में किसान यात्रा शुरू करने की योजना है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है। राहुल गांधी ने आखिरी बार 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान वाराणसी का दौरा किया था।
मीडिया से बात करते हुए, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वाराणसी के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा ने कहा, “कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी किसानों के समर्थन के लिए फरवरी में वाराणसी का दौरा करेंगे। उनसे किसान यात्रा में भाग लेने की भी उम्मीद की जा रही है, जिसे कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राज्य स्तर पर शुरू करेगी।”
कांग्रेस के इस कदम को बीजेपी को जवाब देने के लिए देखा जा रहा है, क्योंकि पीएम मोदी ने दिसंबर में रायबरेली का दौरा किया था। रायबरेली यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र भी है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहले भी अपने सांसद एलएडी फंड का एक हिस्सा रायबरेली के विकास के लिए देने की घोषणा की थी, जिसके बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया और लोगों से ‘परिवारावाद’ (वंशवादी शासन) को समाप्त करने और वहां ‘विकासवाद’ (विकास) की शुरुआत करने का आह्वान किया।
दूसरी ओर अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, राहुल गांधी के खिलाफ 2014 के लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी काफी सक्रिय हैं। ईरानी कई मौकों पर गांधी पर हमला करती रही हैं और उन्होंने आरोप लगाया है कि अमेठी की उसके सांसद द्वारा उपेक्षा की गई थी और उसे उसका उचित विकास नहीं मिल रहा था। कांग्रेस की रणनीति में बदलाव तीन राज्यों में अपनी आश्चर्यजनक जीत के बाद आया है। पार्टी अब किसान मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रही है और लोकसभा चुनावों से पहले यूपी में किसान यात्रा के अलावा बूथ स्तरीय बैठकें आयोजित करने की योजना बना रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, विभिन्न किसान संगठन किसान यात्रा से पहले पार्टी के लगातार संपर्क में हैं।