उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे का वीडियो लीक हो गया है। वाराणसी की जिला अदालत की ओर से आदेश दिए जाने के बाद ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे 14-16 मई के बीच कराया गया था। लीक वीडियो देखने के बाद भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

स्वामी ने कहा कि मंदिर तोड़ते समय औरंगजेब ने अपने दूत से कहा था कि मोहम्मद गोरी के समय मंदिर तोड़ने पर हिन्दुओं की ओर से फिर से बना लिया गया था। ये लोग दोबारा मंदिर नहीं बना पाए इसलिए वहां पर मस्जिद बना दो। नंदी जी ज्ञानवापी की ओर मुंह करके बैठे हुए हैं मंदिर होने का ये सबसे बड़ा सबूत है।

उन्होंने आगे कहा कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 को हटाए बिना यहां मंदिर नहीं बनाया जा सकता है। मोदी सरकार को इसके लिए संसद में एक कानून लाना होगा या फिर सुप्रीम कोर्ट को मेरी याचिका पर सुनवाई करनी होगी।  मस्जिद कोई ऐसी जगह नहीं है कि जिसे तोडा न सकता हो। सऊदी अरब और मध्य पूर्व के मुस्लिम देशों में कई जगह सड़क आदि बनाने के लिए मस्जिदों को तोड़कर दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। हम लोग बिना मुसलमानों की सहमति से कोई भी मस्जिद तोड़ने का फैसला करेंगे।  

काशी, मथुरा और अयोध्या ही चाहिए: स्वामी ने कहा कि हिंदू धर्म में इन तीन स्थानों का विशेष महत्व है। ये दूसरी जगह नहीं हो सकती है। मथुरा में भगवन श्री कृष्ण पैदा हुए, काशी में भगवान शिव ने माता पार्वती को लेकर ज्ञान दिया था। इसके बाद हम और किसी धर्मस्थल की मांग नहीं करेंगे।

मुस्लिम पक्ष की ओर से मस्जिद परिसर में शिवलिंग जैसी आकृति को फव्वारा बताए जाने पर स्वामी ने कहा इससे कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला है। वहीं, जब उनसे पूछा गया कि आपने अयोध्या के लिए कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी है। क्या आपको लगता है काशी के लिए भी कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी? कोर्ट में लड़ाई के बारे में क्या कहा सकते हैं? मैं जब भी पढ़े- लिखे मुसलमानों से मिलता हूं, तो वे लोग कहते हैं कि यहां पर पहले मंदिर था। हमें जिद्द नहीं करनी चाहिए। ताजमहल और कुतुब मीनार जैसे मुद्दों उठाने वाले हिंदू संगठनों को लेकर कहा कि हम कानून का शक्ति से पालन कराकर इनसे निपट सकते हैं।