साल 2019 के लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। हर पार्टी अपने सियासी गणित और तैयारियों को धार देने में जुटी हुई है। ऐसे में यूपी की सियासत में किंगमेकर का दर्जा रखने वाले समाजवादी कुनबे की रार अब ठंडी पड़ती दिखाई दे रही है। गुरुवार (28 जून) को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव का 72वां जन्मदिन था। इस मौके पर इटावा के होटल अमर अाशियाना में पार्टी का आयोजन किया गया था। समाजवादी एकता का संदेश देने के लिए पार्टी में रामगोपाल के धुर विरोधी शिवपाल सिंह भी पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ रामगोपाल के पैर छुए बल्कि साथ में केक भी काटा। रामगोपाल ने शिवपाल यादव को केक खिलाकर मतभेद बीते दौर की बात होने का संदेश दिया।
Ramgopal Yadav and Shivpal Yadav seen together at Ramgopal’s birthday in Etawah yesterday. #samajwadiparty pic.twitter.com/NM9xSseiJl
— ANI UP (@ANINewsUP) June 29, 2018
समाजवादी कुनबे के बड़े स्तंभ माने जाने वाले ये दोनों ही नेता करीब दो सालों के बाद सार्वजनिक रूप से एक मंच पर दिखाई दिए हैं। हालांकि इस मिलन पर प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। वह शिवपाल यादव ने भी कहा,”हम प्रोफेसर रामगोपाल यादव को 72वें जन्मदिन की बधाई देते हैं। परिवार में अब कोई भी विवाद नहीं है। पूरे प्रदेश में अघोषित रूप से इमरजेंसी लगी हुई है। अब वक्त आ गया है कि सभी धर्मनिरपेक्ष दल एक मंच पर आएं और जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेंकें।
वैसे बता दें समाजवादी कुनबे में उस वक्त तनाव पैदा हुआ था। जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे। तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के फैसलों का उनके बेटे और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विरोध किया था। इस विरोध के कारण समाजवादी कुनबे में बिखराव पैदा हुआ था। रामगोपाल ने उस वक्त अखिलेश यादव का पक्ष लिया था। जबकि शिवपाल सिंह ने मुलायम सिंह का समर्थन किया था।