उत्तर प्रदेश में हुए नगर निकाय चुनावों में बीजेपी की शानदार जीत पर समाजवादी पार्टी प्रमुख और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि ईवीएम की बदौलत ऐसा हुआ है। उन्होंने कुछ आंकड़े पेश करते हुए कहा है कि बीजेपी को ईवीएम के कारण जीत मिली है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अखिलेश ने कहा, ‘यूपी में नगर निकाय चुनावों में महापौर की कुल 16 सीटों में से 14 सीटों में बीजेपी ने जबकि 2 पर बीएसपी ने जीत हासिल की है, वहीं कांग्रेस और सपा ने यहां कोई जीत नहीं हासिल की, तो हम कहते हैं कि बैलेट पेपर से जिन इलाकों में वोटिंग हुई वहां बीजेपी का जीत प्रतिशत 15 है, वहीं ईवीएम से जहां-जहां वोटिंग हुई वहां पार्टी का जीत प्रतिशत 46 है।’ सपा प्रमुख ने यह बात कोलकाता में कही। इसके अलावा गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने भी कुछ आंकड़े पेश करते हुए कहा है की ईवीएम के सहारे ही बीजेपी ने यह चुनाव जीता है।
BJP says a total of 16 elections have been held in UP, out of which 14 were won by BJP, 2 by BSP & Congress-SP disappeared. We say that BJP's wining percentage is 46% wherever polls were conducted via EVMs and 15% when it was done via ballot papers.: Akhilesh Yadav, SP in Kolkata pic.twitter.com/n4l1OOaU5U
— ANI (@ANI) December 2, 2017
उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट भी शेयर किया और कहा, ‘महापौर की 16 में से 14 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया, वहीं 2 पर हार मिली। इसके लिए ईवीएम से चुनाव हुए थे। वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष की 437 सीटों के परिणाम आए, जिन पर बैलेट पेपर से वोटिंग हुई थी, जिसमें बीजेपी ने 100 सीटें जीतीं वहीं 337 हारीं। नगर पंचायत सदस्य की 5390 सीटों के परिणाम आए, इसके लिए भी बैलेट पेपर से चुनाव हुआ था, इसमें बीजेपी ने 662 सीटें जीतीं तो वहीं 4728 हारीं। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के लिए भी बैलेट पेपर पर चुनाव हुआ, इसमें 195 सीटों में से बीजेपी ने 68 सीटें जीतीं तो वहीं 127 हारीं। नगर पालिका परिषद सदस्य के लिए भी बैलेट पेपर के जरिए ही वोट डाले गए, यहां 5217 सीटों में से बीजेपी ने 914 सीटें जीतीं तो वहीं 4303 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। नतीजा… ईवीएम का सहारा है।’
वहीं बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने भी ईवीएम पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था, ‘अगर बीजेपी ईमानदार है और लोकतंत्र पर विश्वास रखती है तो ईवीएम को हटा देना चाहिए और बैलेट पेपर द्वारा वोटिंग की जानी चाहिए। 2019 में आम चुनाव होने वाले हैं। अगर बीजेपी को इस बात का विश्वास है कि जनता उनके साथ है तो उन्हें ईवीएम हटाना चाहिए। मैं यकीन के साथ कह सकती हूं कि अगर बैलेट पेपर पर वोटिंग की जाएगी तो बीजेपी फिर से सत्ता मे नहीं आएगी।’
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तरह नगर निकाय चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जोरदार जीत हासिल की। सियासी सरगर्मी में महापौर की कुल 16 सीटों में से 14 बीजेपी ने जबकि दो पर बसपा ने कब्जा जमाया है। कांग्रेस और सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। मेरठ और अलीगढ़ के मेयर पद पर बसपा के उम्मीदवार जीते हैं। अयोध्या-फैजाबाद नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी ऋषिकेश जायसवाल ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की गुलशन बिंदू को 3601 मतों से मात दी। वाराणसी नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी मृदुला ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की शालिनी को 78,843 मतों से हराया। लखनऊ में इस बार इतिहास रचा गया। संयुक्ता भाटिया लखनऊ की पहली महिला मेयर होंगी। वहीं कानपुर में प्रमिला पांडेय ने जीत हासिल की। गाजियाबाद में बीजेपी की आशा शर्मा ने विरोधियों को धूल चटाई।