यूपी में सपा गठबंधन में टूट लगभग तय माना जा रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव पहले से ही अलग रास्ते पर चलते दिख रहे थे, अब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी अखिलेश से मुंह मोड़ती दिख रही है। सुभसपा प्रमुख ओपी राजभर ने बसपा के साथ जाने के संकेत दिए हैं।

राजभर ने सपा के साथ जारी गठबंधन पर कहा कि अगर अखिलेश खुद यह गठबंधन तोड़ दें या कहें कि वो हमारे साथ नहीं रहना चाहते हैं तो सुभसपा के पास कई विकल्प हैं। राजभर ने कहा कि फिर वो अन्य पार्टियों के साथ नया गठबंधन बनाएंगे। जब उनसे पार्टियों के नाम पूछे गए तो उन्होंने कहा कि नया गठबंधन के लिए शिवपाल यादव की पार्टी है, मायावती की पार्टी है। बीजेपी के साथ जाने के सवाल पर राजभर ने कहा कि अन्य पार्टियां के साथ भी गठबंधन के लिए जोर लगाया जाएगा।

बता दें कि राजभर पिछले दिनों हुए आजमगढ़ और रामपुर उपचुनाव में सपा की हार के बाद से अखिलेश से नाराज चल रहे हैं। इसी बीच राष्ट्रपति चुनाव आ गया और इसने राजभर की नाराजगी को और बढ़ा दिया। दरअसल हुआ यूं कि विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा यूपी समर्थन मांगने के लिए पहुंचे थे। इसके लिए अखिलेश यादव ने विपक्षी पार्टियों की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें राजभर को नहीं बुलाया गया था। इसके बाद नाराज राजभर ने अपनी पार्टी की इमरजेंसी मीटिंग बुला ली थी।

वहीं उपचुनाव में मिली हार के बाद से राजभर लगातार सपा नेताओं को एसी के कमरों से निकल जमीन पर उतरने के लिए कह रहे हैं, इस दौरान वो अखिलेश यादव को भी नसीहत दे चुके हैं। उनके इन बयानों को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी नाराज बताए जा रहे हैं।

वहीं जब बीजेपी समर्थित उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को लखनऊ पहुंची और उनके सम्मान में जब सीएम योगी ने डिनर का आयोजन किया तो उसमें राजभर पहुंच गए। अखिलेश के खेमे के दो नेता राजभर और शिवपाल इस पार्टी में दिखे। शिवपाल ने तो मुर्मू के सपोर्ट की घोषणा भी कर दी है।