समाजवादी पार्टी से नाराजगी के चलते अलग होकर नई राजनीतिक पार्टी बना चुके शिवपाल यादव ने भतीजे अखिलेश यादव को सलाह दी है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती और सपा सुप्रीम अखिलेश यादव एक मंच पर आकर आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन का ऐलान कर चुके हैं। इसी को लेकर चिंतित चाचा शिवपाल ने गेस्ट हाउस कांड की जिक्र करते हुए अखिलेश यादव को सलाह दी कि मायावती पर भरोसा न करना, वह मेरे ऊपर यौन शोषण के आरोप लगा चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया के मुखिया शिवपाल यादव ने 1995 में लखनऊ में हुए गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए कहा, ‘बहनजी (मायावती) ने मेरे ऊपर यौन शोषण का आरोप लगाया था। हालांकि मैंने उसी समय कहा था कि मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं। लेकिन इसके लिए केवल एक शर्त है मायावती को भी नार्को टेस्ट कराना होगा’। दैनिक भाष्कर की खबर के मुताबिक शिवपाल यादव ने कहा कि, ‘मायावती पर भरोसा नहीं किया जा सकता। अगर बसपा चुनाव में सपा से ज्यादा सीटें जीत गई तो वह अखिलेश यादव को धोखा दे देंगी’।
बता दें कि, साल 1995 में उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के गठबंधन की सरकार थी। हालांकि मायावती सरकार में शामिल नहीं थीं। लेकिन धीरे धीरे दोनों पार्टी के मुखिया के बीच फैसलों को लेकर दरार पैदा होने लगी। इसी बीच खबर उड़ी कि मायावती बीजेपी के साथ तालमेल बैठा रही हैं। बताया जाता है कि बीजेपी से गठबंधन कर मायावती को सीएम बनाने का प्रस्ताव दिल्ली से आया था। जिस पर मायावती तैयार हो गईं और मुलायम सिंह को अपना फैसला सुना दिया।
इसके बाद लखनऊ स्थित गेस्ट हाउस में 2 जून 1995 को अपने विधायकों की बैठक बुलाई। इस बीच सपा के लोगों को खबर मिली कि बीएसपी और बीजेपी की सांठ-गांठ हो रही है, जिसके बाद हजारों सपा कार्यकर्ता गेस्ट हाउस के बाहर जुट गए और वहां मौजूद बीएसपी कार्यकर्ताओं को पीटने लगे। ऐसे में मायावती एक कमरे में छिप गईं और उसे अंदर से बंद कर लिया। यहां से मायावती को बीजेपी विधायक ब्रम्हदत्त द्विवेदी ने सकुशल बाहर निकाला था।