सपा नेतृत्व से नाराज होकर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा गठित करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने आज कहा कि उनकी पार्टी का पंजीयन हो गया है और उसे ‘प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया’ नाम मिला है।  शिवपाल ने राजधानी लखनऊ में आयोजित मोर्चा के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमारी पार्टी का रजिस्ट्रेशन हो गया है। पार्टी का नाम है प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया।” मालूम हो कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सपा अध्यक्ष बनने के बाद हाशिये पर पहुंचे शिवपाल ने ‘उपेक्षा’ से नाराज होकर पिछले अगस्त में समाजवादी सेक्युलर मोर्चे का गठन किया था। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का एलान किया था।

जसवंतनगर सीट से अब भी सपा के विधायक शिवपाल ने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि वह हमेशा सपा में एकजुटता चाहते थे, लेकिन कुछ चापलूसों की वजह से उन्हें मजबूरन पार्टी से किनारा करना पड़ा। अखिलेश यादव के कार्यकाल में न तो हमें और न ही मुलायम सिंह को सम्मान मिला। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला ने शिवपाल का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी पार्टी आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में बड़ी सियासी ताकत बनेगी।

शिवपाल ने कहा, ”मुझे दरकिनार कर दिया गया। मैं आप लोगों से कहता हूं कि मेरी हां में हां मत मिलाना। आप सभी को स्वतंत्रता है कि अगर कहीं भी कुछ भी गलत हो रहा हो तो आप लोग उसे बताने के लिए आजाद हैं। मैं अपनी पार्टी में इस बात की पूरी आजादी देता हूं।” शिवपाल ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार से बहुत से लोग असंतुष्ट हैं और वह उनके साथ हैं।

हाल ही में मुलायम सिंह यादव और उनकी छोटी बहू अपर्णा यादव ने भी शिवपाल सिंह के साथ मंच साझा किया था। अपर्णा ने इस दौरान मंच से ही अपना समर्थन भी जताया था। इसी मंच पर शिवपाल के साथ ही मुलायम सिंह यादव भी मौजूद थे। लेकिन इसी के बाद एक जनसभा में मुलायम सिंह अपने बेटे अखिलेश यादव के साथ भी दिखे थे।