बुधवार को लखनऊ की कोर्ट में मारे गए गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। संजीव जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी ने याचिका में अपने पति के अंतिम संस्कार की रस्मों में शामिल होने के लिए सुरक्षा और अनुमति मांगी है। न्यूज एजेंसी ANI द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश सराकर की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि उन्हें पायल के अंतिम संस्कार में शामिल होने पर कोई ऐतराज नहीं है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 9 जून को करेगा।

पायल ने 2017 में लड़ा चुनाव, जब्त हो गई जमानत – कुख्यात संजीव जीवा अपराध की दुनिया की मदद से सियासत में भी बैठ बनाना चाहता था। उसकी पत्नी पायल ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में रालोद के टिकट पर किस्मत आजमाई थी लेकिन मतदाताओं ने उसे पूरी तरह से नाकार दिया था। पायल को इस चुनाव में सिर्फ 5640 वोट मिले थे। मुजफ्फरनगर विधानसभा सीट पर 97,838 वोट लेकर बीजेपी के कपिल देव अग्रवाल ने जीत दर्ज की थी जबकि दूसरे नंबर पर रहे सपा के गौरव स्वरूप बंसल 87,134 वोट मिले थे।

RLD महिला प्रकोष्ठ की महासचिव थी पायल- लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संजीव जीवा की पत्नी पायल 2017 के चुनाव से पहले रालोद में महिला प्रकोष्ठ में महासचिव पद पर थीं। चुनाव हारने के बाद भी वह लगातार पार्टी के कार्यक्रमों में एक्टिव थीं हालांकि बाद में ईकाई भंग होने की वजह से पायल के पास कोई पद नहीं रह गया।

पायल पर भी दर्ज है एक मामला

मुजफ्फरनगर की लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2022 में संजीव जीवा और उसकी पत्नी पायल के खिलाफ नई मंडी कोतवाली में एक FIR दर्ज की गई थी। यह FIR मारपीट और धोखाधड़ी के आरोप में लिखी गई थी। इस मामले में निचली अदालत ने पायल की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, इसके बाद वह इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची थीं।

संजीव जीवा पर था बीजेपी विधायक की हत्या का आरोप

संजीव जीवा लखनऊ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। उसे बुधवार को एक मामले में कोर्ट लाया गया था, जहां वकील की ड्रेस में बैठे दो हमलावरों ने उसपर गोलियों की बरसात कर दी। संजीव जीवा बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय और पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के मामलों में भी आरोपी था।