राम मंदिर मुद्दे को लेकर आए दिन नेता बयान देते रहते हैं। कभी कोई मंदिर बनाने को लेकर अध्यादेश लाने की बात करता है तो कभी कोई इस पूरे मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से ही फैसला देने की बात। कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने राम मंदिर को लेकर एक बयान दिया था। अपने बयान में अब्दुल्ला ने कहा था, ‘जब भगवान लोगों के दिलों में हैं तो मंदिर क्यों बनाना चाहिए? वहीं अब अब्दुल्ला के इस बयान पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता पवन वर्मा ने जवाब दिया है।

पवन वर्मा ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला हिंदुओं को इस तरह उपदेश नहीं दे सकते। राम मंदिर आस्था का प्रश्न है और इस पर इसी आधार पर सोचा जा सकता है। इसके साथ ही पवन वर्मा ने कहा, ‘सरकार को विकास के कार्यों पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन इसके लिए आस्था से समझौता करने की जरूरत नहीं है।

बता दें, नेताओं द्वारा राम मंदिर मुद्दे को अलग-अलग मंचों से उठाया जा रहा है। इसी को लेकर कुछ दिन पहले अयोध्या में धर्म संसद बुलाई गई थी। वहीं रविवार को दिल्ली के रामरीला मैदान में विश्व हिंदू परिषद ने एक विराट धर्मसभा बुलाई है। इस सभा में हिस्सा लेने के लिए भारी संख्या में लोग दिल्ली पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि इस सभा में चार से पांच लाख लोग शामिल हुए हैं। विश्व हिंदू परिषद और RSS लगातार कहते आ रहे हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए और केंद्र सरकार को इसके लिए अध्यादेश लाना चाहिए।

गौरतलब है कि राम मंदिर को लेकर हाल ही में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अयोध्या पहुंचे थे। अयोध्या पहुंचकर उद्धव ने राम मंदिर के संदर्भ में केंद्र सरकार से कानून बनाकर मंदिर निर्माण करने की बात कही थी। बता दें, अयोध्या का पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले को जनवरी 2019 तक के लिए टाल दिया है।