उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अपनी नई पार्टी के झंडे का ऐलान कर दिया है। रघुराज प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी का नाम जनसत्ता दल रखा है। झंडे में हरे और पीले रंग का इस्तेमाल किया गया है। झंडे में चुने गए रंगों ने राजा भैया के इरादों को साफ कर दिया है। राजा भैया पहले ही यूपी की राजधानी लखनऊ में 30 नवंबर को रैली करने का ऐलान कर चुके हैं। इसी रैली को राजा भैया की पार्टी की पहली आधिकारिक रैली माना जा रहा है।
यूपी के बाहुबली विधायक राजा भैया की जनसत्ता दल के झंडे में हरे और पीले रंगों का इस्तेमाल किया गया है। पीले रंग का झंडा पूर्वी उत्तर प्रदेश में पासी समाज के बीच गहरी पैठ रखने वाली सुहैल देव भारतीय समाज पार्टी करती रही है। जबकि हरे रंग को मुस्लिम समुदाय का प्रतीक माना जाता है। राजा भैया ने पार्टी के झंडे के लांच के साथ ही अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। राजा भैया की सियासत दलितों-पिछड़ों और मुस्लिमों के साथ ही सवर्ण वर्ग के लोगों को भी एक मंच पर लाने के लिए काम करेगी।
Top UP criminal, gangster, politician Raghuraj Pratap Singh alias Raja Bhaiya launches his own political outfit Jansatta Dal. pic.twitter.com/aHf5CryDIT
— Piyush Rai (@PiyushRaiTOI) October 29, 2018
पार्टी के लांच की आधिकारिक घोषणा के वक्त ही राजा भैया ने साफ कर दिया था कि उनकी पार्टी साल 2019 के लोकसभा चुनावों में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। साल 2019 में यूपी में होने वाला लोकसभा चुनाव इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि ये मुकाबला अब त्रिकोणीय होने वाला है। इस मुकाबले में एक तरफ अमित शाह और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा होगी। दूसरी तरफ राहुल गांधी, मायावती और अखिलेश यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन होगा। इस गठबंधन के अलावा तीसरी ताकत के तौर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजा भैया का जनसत्ता दल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शिवपाल सिंह यादव का समाजवादी सेक्युलर मोर्चा (लोहिया) होगा।
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया आने वाले 30 नवंबर को राजधानी लखनऊ में रैली करने वाले हैं। राजा भैया बीते 25 सालों से निर्दलीय ही चुनाव जीतते आए हैं। लेकिन अपनी पार्टी की रैली के बाद पहली बार राजा भैया दलीय विधायक बनेंगे। राजा भैया के समर्थकों का दावा है कि इस रैली में सपा, भाजपा समेत कई दलों के सवर्ण नेता शामिल होने वाले हैं। यूपी की राजनीति में राजा भैया की पहचान क्षत्रिय नेता के तौर पर है। इसलिए भी प्रदेश में नए सियासी समीकरण बदलने वाले हैं। राजा भैया की रैली को खास बनाने के लिए उनके समर्थक अभी से जोर लगा रहे है। समर्थकों ने 30 नवंबर को स्पेशल ट्रेन लखनऊ के लिए बुक करवाई है। ताकि कार्यकर्ताओं को सहूलियत के साथ रैली में लखनऊ ले जाया जा सके।