उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बुधवार को एक प्राइवेट स्कूल की प्रिंसिपल पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। जानकारी के मुताबिक, प्रिंसिपल ने स्कूल एक्टिविटी के नाम पर सभी बच्चों को 20 सेकेंड का ईद के कपड़ों में टोपी के साथ एक वीडियो पोस्ट करने को कहा था, जिस पर कई लोगों ने आपत्ति जताई थी। इस मामले पर स्कूल प्रशासन ने अध्यापिका बुशरा मुस्तफा (47) का बचाव करते हुए कहा कि स्कूल की ओर से इस तरीके की एक्टिविटीज हिंदू त्योहारों दिवाली, दशहरा के साथ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर आयोजित की जाती है।

मुस्तफा के खिलाफ यह एफआईआर विश्व हिंदू परिषद गौ रक्षा विभाग के जोनल इंचार्ज लालमणि तिवारी की ओर से कीड़गंज थाने दर्ज कराई गई है। पुलिस की ओर से मुस्तफा को आईपीसी की धारा 153-A (दो समूह के बीच शत्रुता का बढ़ाना), 295-A ( किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए) और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत केस दर्ज किया गया है।

मुस्तफा झूंसी पुलिस स्टेशन के तहत आने वाले हैवेलिया इलाके में स्थित सीबीएसई से मान्यता प्राप्त न्याय नगर पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल है। स्कूल में करीब 1200 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। इस मामले पर प्रयागराज के एसएसपी अजय कुमार का कहना है कि हम प्रिंसिपल का बयान दर्ज कर यह जानने की कोशिश कर रहे हैं। क्या उनका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं भड़काना था यह नहीं। उनकी तरफ से कहा गया है कि समानता बनाए रखने के लिए उन्होंने ऐसा किया है ताकि सभी बच्चे सभी धर्मों के बारे में जान सकें। बुधवार को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच अभी जारी है।

तिवारी की ओर दर्ज कराई गई एफआईआर में लिखा गया है कि न्याय नगर पब्लिक स्कूल के सभी बच्चों को एक मैसेज भेजा गया था। इस मैसेज में लिखा है कि बच्चों को 20 सेकेंड का एक वीडियो बनाना है जिसमें लड़कों को पायजामा कुर्ता और ईद की टोपी के साथ जबकि लड़कियों को सलवार कुर्ती और दुपट्टा में हैप्पी ईद कहते हुए स्कूल के ग्रुप में अपलोड करना है। जैसे ही मैसेज स्कूल की तरफ से जारी किया गया। इस मैसेज को पढ़कर दूसरे धर्मों से ताल्लुक रखने वाले लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। स्कूल की प्रिंसिपल बुशरा मुस्तफा एक मुस्लिम महिला है जो एक सांप्रदायिक सोच रखती है और उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया है।

एफआईआर में आगे कहा गया है कि उनके सारे यह सब एक साजिश के तहत समाज की धार्मिक भावनाओं आहत करने के लिए और स्कूल और कॉलेजों का माहौल बिगाड़ने के लिए किया गया है। यह बिल्कुल कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद की तरह है जिसके कारण वहां सांप्रदायिक सौहार्द को ठेस पहुंची है। 3 मई को ईद के साथ हिंदुओं के दो मुख्य त्योहार अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम जयंती थी। उन्हें भी मनाया जा सकता था। लेकिन प्रिंसिपल ने उन त्योहारों के लिए कोई भी एक्टिविटी नहीं की जो उनके इरादे को दिखाता है।

पूरे मामले पर ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत करते हुए न्याय नगर पब्लिक स्कूल के सेक्रेटरी सुचित्रा वर्मा ने कहा, “एफआईआर कुछ लोगों की साजिश के तहत दर्ज कराई गई है जो स्कूल के पास ही काम करते हैं। प्रिंसिपल एक सेकुलर व्यक्ति है। बस इस मामले को बढ़ाया जा रहा है।”