देशभर के दलितों संगठनों ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कानून को कमजोर करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बीते सोमवार (2 अप्रैल) को भारत बंद बुलाया। कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ देशभर में प्रदर्शनकारियों ने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किया।  देशभर में हुए प्रदर्शन और आगजनी की खबरें मीडिया की सुर्खियों में बनी रहीं। ऐसे में, दिल को झकझोर देने वाली एक तस्वीर सामने आई है। इसमें बिजनौर में भारत बंद के दौरान एक शख्स गंभीर रूप से बीमार पिता को कंधे पर लादकर भागा चला जा रहा है। शख्स करीब एक किमी दौड़कर पिता को हॉस्पिटल लेकर पहुंचा, लेकिन उनकी जान बचाई नहीं जा सकी।

दरअसल, सोमवार को रघुवर सिंह (32) पिता (68) के गंभीर बीमार होने पर एम्बुलेंस से उन्हें हॉस्पिटल के लिए निकले, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रास्ता नहीं दिया। हॉस्पिटल करीब एक किमी की दूरी पर था, इस पर रघुवर पिता को कंधे पर लादकर दौड़ते हुए हॉस्पिटल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रघुवर सिंह ने एक न्यूज वेबसाइट को बताया, “वह अस्थमा की बीमारी से पीड़ित थे। रविवार रात तक उनकी हालात बहुत नाजुक थी। हम उन्हें जिला हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने जांच के बाद पिता का इलाज शुरू किया, लेकिन इसके बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। अगले दिन सोमवार करीब 12 बजे डॉक्टरों ने मरीज को मेरठ मेडिकल कॉलेज या निजी हॉस्पिटल जाने की सलाह दी।”

शख्स ने आगे बताया कि मेरठ जाने के लिए हमारे पास न तो पैसे थे ना ही समय। इसलिए हम उन्हें एम्बुलेंस से निजी हॉस्पिटल लेकर गए। एम्बुलेंस से करीब आधा किमी जाने के बाद रास्ते में जाम लगा था। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर चक्का जाम लगा रखा था, जबकि यहां से हॉस्पिटल करीब एक किमी की दूरी पर था। पीड़ित रघुवर सिंह कहते हैं कि हमने लोगों से चिल्ला-चिल्लाकर कहा कि वो एम्बुलेंस को तो जाने दें, मगर किसी ने हमारी नहीं सुनी।

वहीं, मृतक की पत्नी रोते हुए कहती हैं कि विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों की वजह से उनके बीमार पति समय पर हॉस्पिटल नहीं पहुंच सके। प्रदर्शनकारियों की वजह से उनकी जान चली गई।