यूपी चुनाव को लेकर जारी सरगर्मियों के बीच बहुजन समाज पार्टी ने मुस्लिम वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए युवा मुस्लिम चेहरा पेश किया है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों की संख्या को देखते हुए पार्टी के मुस्लिम फेस माने जाने वाले राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी को वहां की कमान सौंपी है। वहीं जमीनी स्तर पर काम करने के लिए नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बेटे अफजल सिद्दीकी को 6 मुख्य डिवीजनों- मेरठ, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़ और आगरा का मुस्लिम भाईचारा समिति का इंचार्ज बनाया है। अफजल के टीम में 12 संयोजक हैं, जिनमें सभी मुस्लिम है और सभी की उम्र 40 साल से कम है। अफजल और उनकी टीम ग्राउंड लेवल पर वोटरों से बातचीत करेंगे। हालांकि बीएसपी में एससी सीटों के लिए भी संयोजक बनाए गए हैं और सभी युवा हैं।
बीएसपी का मानना है कि मुस्लिम युवा दूसरी पार्टियों से बुजुर्गों की तरह नहीं जुड़े होते हैं। ऐसी स्थिति में सांप्रदायिक तनाव के कारण उनका समाजवादी पार्टी की सरकार से मोहभंग हो सकता है। रविवार को लखनऊ में हुई एक रैली के दौरान बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मुसलमानों से बीजेपी को रोकने के लिए बीएसपी को वोट देने की अपील करते हुए कहा था कि सपा और कांग्रेस को वोट देना उसे बर्बाद करना है। बीएसपी के पूर्व सांसद सलीम अंसारी ने कहा कि युवा मुस्लिम शिक्षित होता है, इसलिए वह स्थिति को बेहतर तरह से समझता है। वह जानता है कि बीएसपी उसे क्या दे रही है। मुसलमानों का सपा से मोहभंग हो गया है। वह जानते हैं कि उनका परिवारिक विवाद उन्हें बर्बाद कर देगा।
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अफजल नसीमुद्दीन सिद्दीकी के तीन बच्चों में सबसे बड़े हैं। इससे पहले उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव फतेहपुर संसदीय सीट से लड़ा था लेकिन बीजेपी के साध्वी निरंजन ज्योति के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था। उनके पिता नसीमुद्दीन बीएसपी सुप्रीमो मायावाती के खासे करीबी लोगों में गिने जाते हैं। वहीं, उनकी मां एमएलसी रह चुकी हैं। अफजल अपने भाइयों में अकेले ऐसे हैं जो कि बीएसपी के संगठन का हिस्सा हैं। इससे पहले अगस्त में उन्हें छह मंडलों का प्रभारी नियुक्त करते हुए मुस्लिम समाज को पार्टी से जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई थी।
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अफजल ने एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से एलएलबी की है। वह दिल्ली में रहते हैं और पश्चिमी यूपी में अपना परिवारिक बिजनेस संभालते हैं। 2012 में अफजल का नाम उस समय सामने आया था जब लोकायुक्त की जांच में उनके परिवार का नाम आय से अधिक संपत्ति के मामले में आया था। लोकायुक्त की रिपोर्ट में कहा गया था कि अफजल अमरोहा की जिस जमीन पर अपनी मीट फैक्ट्री चला रहे हैं उसकी आधी से ज्यादा जमीन पर उन्होंने अवैध कब्जा कर रखा है।
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