उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश प्रसाद यादव राज्य में शराब बंदी को लेकर अभी तैयार नहीं हैं। हालांकि उन्होंने लोगों को कम शराब पीने की सलाह जरूर दी है। करीब 400 करोड़ की कई योजनाओं की शुरुआत करने भदोही पहुंचे अखिलेश ने कहा,” शराब को बंद करने का फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जा सकता। गन्ने की फसल से जुड़े किसान और शराब की दुकानों से चलने वाले हजारों लोगों का रोजगार इससे जुड़ा है। अभी हम लोगों को सिर्फ यह सलाह दे सकते हैं कि कम शराब पीएं।”
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को एक राष्ट्रीय मुद्दा बनाना चाहते हैं। बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगाने के बाद नीतीश कुमार अखिलेश को उत्तर प्रदेश में भी शराब पर रोक लगाने की सलाह दी थी। यादव की यह टिप्पणी नीतीश को ही जवाब मानी जा रही हैं। नीतीश ने कहा था,” वक्त के साथ दूसरे तरीकों से इसकी ( राजस्व में होने वाले घाटे) की पूर्ती की जा सकती है।” साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश में शराब पर रोक लगाने की मांग की थी।
नीतीश के बाद बहुजन समाज पार्टी पर हमला करते हुए अखिलेश ने कहा,” पिछली सरकार ने मायावती की मूर्तियां और स्मारक बनने के अलावा कुछ नहीं किया। अब वो अचानक विकास की बात करने लगे हैं। बुआ जी (मायावती) को अब लगने लगा कि उन्हें उनके काम के कारण ही हार मिली थी।’ अपनी सरकार के कामों को गिनाते हुए अखिलेश ने कहा,” जल्द ही पुलिस का आधुनिकीकरण पूरा हो जाएगा और एक कॉल पर पुलिस 15 मिनट में घटना स्थल पर पहुंच जाएगी। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि 108/102 समाजवादी एंबुलेंस सर्विस पहले से ही राज्य में काम कर रही है। उन्हें कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी उन्हेंने वित्तीय सहायता देने के लिए एंबुलेंस में से समाजवादी शब्द हटाने की बात कही थी। लेकिन हमने नहीं हटाया हमने स्वयं संसाधन जुटाए।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने नीतीश कुमार की आलोचना की उनके अनुसार ऐसे नकारात्मक कमेंट उन सांप्रदायिक ताकतों में उत्साह भरते हैं जिनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार लड़ रही है