समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने क़ौमी एकता दल से गठजोड़ का बचाव किया है। क़ौमी एकता दल से बाहुबली मुख्तार अंसारी विधायक हैं, जो फिलहाल बिहार के कद्दावर नेता कृष्णानंद राय की हत्या के लिए जेल में सजा काट रहे हैं। मुख्तार की पार्टी के सपा के साथ हाथ मिलाने पर विरोधियों ने पार्टी पर अपराधियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।
आलोचना होने के बाद शिवपाल ने बुधवार दोपहर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके आवास पर मुलाकात की और बाहर निकलकर कहा कि पार्टी में सबकुछ ठीक है। उन्होंने कहा, ”यह सीएम के ऊपर निर्भर करता है कि वह किसे क्या ड्यूटी देते हैं और किसे मंत्री बनाते हैं।
शिवपाल ने क़ाैमी एकता दल के साथ जुड़ने का बचाव करते हुए कहा, ”क़ाैमी एकता दल मुख्तार अंसारी की पार्टी नहीं थी। अफजल अंसारी पार्टी अध्यक्ष थे। हमने सिर्फ अफजल अंसारी और उनके भाई सिबकतुल्लाह अंसारी को पार्टी विलय में शामिल किया है। हमने मुख्तार को नहीं शामिल किया है। ”
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उन्होंने कहा कि बलराम यादव ने मुख्तार अंसारी की सिफारिश नहीं की है। अगर की है तो अफजल अंसारी और सिबकतुल्लाह अंसारी की करी है। उन्होंने कहा, ”पार्टी में सबकुछ ठीक है। अपनी बात सब कहते हैं लेकिन नेताजी का फैसला सबको मंजूर होता है।”
मंगलवार को सपा के प्रांतीय प्रभारी और यूपी के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कौमी एकता दल के अध्यक्ष अफजल अंसारी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस विलय का औपचारिक ऐलान करते हुए कहा था कि इससे सपा मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि अंसारी पहले भी सपा में रह चुके हैं और अब वह अपने घर वापस आ गए हैं।