लंबे समय से समाजवादी पार्टी में शिवपाल सिंह यादव को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच मंगलवार की देर शाम मुलायम सिंह यादव ने उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव से यह जिम्मेदारी लेकर शिवपाल यादव को सौंपी गई है। मंगलवार की सुबह अचानक शिवपाल के करीबी अधिकारी कहे जाने वाले दीपक सिंघल को मुख्य सचिव पद से हटाए जाने के बाद शिवपाल यादव की प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर ताजपोशी के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। देर शाम मुख्यमंत्री ने शिवपाल यादव से सभी विभागों का प्रभार लेकर उन्हें सिर्फ समाज कल्याण विभाग की ही जिम्मेदारी सौंपी है। काफी समय से अखिलेश यादव की कैबिनेट में लोक निर्माण विभाग के साथ ही कई अन्य विभागों के मंत्री रहे चाचा शिवपाल सिंह यादव की नाराजगी की खबरें आम थीं। बीते एक साल से शिवपाल सिंह यादव और मुख्यमंत्री के बीच संबंध तल्खियत की हद तक पहुंच गए। इसी का नतीजा रहा कि कई मर्तबा शिवपाल यादव ने अपनी नाराजगी का सार्वजनिक मंचों से इजहार भी किया। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि अखिलेश सरकार में जमीन कब्जा करने वाले मंत्री और पार्टी में आपराधिक कृत्यों में लिप्त विधायकों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे अपना मंत्रिपद भी छोड़ सकते हैं।
उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार में बेहद कद्दावर मंत्री के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले शिवपाल सिंह यादव के मंत्रिपद से त्यागपत्र देने की मंशा जाहिर करने के एक महीने के भीतर ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार की रात उनसे सभी प्रमुख विभाग ले लिए। राजभवन ने इस बात की पुष्टि भी कर दी है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रस्ताव को संज्ञान लेते हुए शिवपाल सिंह यादव के लोक निर्माण विभाग का कार्यभार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आबंटित किया है। इसके अलावा शिवपाल के अन्य विभाग सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण की जिम्मेदारी अखिलेश काबीना मंत्री अवधेश प्रसाद को सौंप दी है। शिवपाल सिंह यादव के पास रहे राजस्व, अभाव, सहायता एवं पुनर्वास और लोक सेवा प्रबंधन विभाग के साथ ही सहकारिता विभाग का कार्यभार मंत्री बलराम यादव को सौंप दिया गया है।
मंगलवार को शिवपाल सिंह यादव के करीबी अधिकारी को मुख्य सचिव के पद से हटाए जाने के कुछ ही घंटों के बाद उनके विभागों को भी वापस लेने से साफ है कि उत्तर प्रदेश की सपा की सरकार में शिवपाल सिंह यादव अपना रुतबा गंवा चुके हैं। राजनीति के जानकार शिवपाल यादव पर की गई कार्रवाई को भी अमर सिंह की उस दावत से जोड़ कर देख रहे हैं जो उन्होंने 11 सितंबर को दिल्ली के एक होटल में दी थी। इस दावत में मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के अलावा तत्कालीन मुख्य सचिव दीपक सिंघल ही पहुंचे थे। बड़ा सवाल यह है कि आखिर अमर सिंह की इस दावत में ऐसा क्या हुआ जिसकी बड़ी कीमत शिवपाल यादव और दीपक सिंघल को अपना रसूख गंवा कर चुकानी पड़ी।
समाजवादी पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्र बताते हैं कि अखिलेश मंत्रिमंडल से अहम विभाग गंवा देने के बाद शिवपाल यादव बेहद आहत हैं। बुधवार को वे अखिलेश सरकार में मंत्रिपद पर बने रहने को लेकर कोई बड़ा एलान कर सकते हैं।
तकरार का नतीजा
’बीते एक साल से शिवपाल सिंह यादव और मुख्यमंत्री के बीच संबंध तल्खियत की हद तक पहुंच गए। इसी का नतीजा रहा कि कई मर्तबा शिवपाल ने अपनी नाराजगी का सार्वजनिक मंचों से इजहार भी किया।
’मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री ने शिवपाल यादव से सभी विभागों का प्रभार लेकर उन्हें सिर्फ समाज कल्याण विभाग की ही जिम्मेदारी सौंपी है।’ शिवपाल के पास रहे राजस्व, अभाव, सहायता एवं पुनर्वास और लोक सेवा प्रबंधन विभाग के साथ ही सहकारिता विभाग का कार्यभार मंत्री बलराम यादव को सौंप दिया गया है।