राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के हिंदुओं की जनसंख्या से जुड़े बयान पर विवाद पैदा हो गया है। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस बयान के लिए भागवत की आलोचना की है। हिंदुओं की कम होती जनसंख्या पर भागवत ने शनिवार (20 अगस्त) को कहा था, ‘कौन सा कानून कहता है कि हिंदुओं की जनसंख्या नहीं बढ़नी चाहिए? ऐसा कुछ भी नहीं है। जब दूसरों की आबादी बढ़ रही है तो उन्हें कौन रोक रहा है? यह मुद्दा व्यवस्था से जुड़ा हुआ नहीं है। ऐसा इस वजह से है कि सामाजिक माहौल ही ऐसा है।’ आगरा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने यह टिप्पणी की थी।
भागवत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार (21 अगस्त) को कहा, ‘वह धर्म की ही खाते हैं। वह और क्या बात करेंगे?’ आजाद ने भागवत के मुसलमानों की आबादी दर ज्यादा होने से जुड़े एक बयान के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा ‘वह (भागवत) अपनी हर बात और हर शब्द में तोड़ने की ही बात करते हैं। वह रोजगार की बात करते, महंगाई की बात करते, मगर वह ऐसा नहीं करते।’आगरा में एक रैली में बसपा प्रमुख मायावती ने भी हिंदू जनसंख्या पर भागवत की ओर से दिए गए बयान पर आरएसएस प्रमुख की आलोचना की।
मायावती ने कहा, ‘आरएसएस प्रमुख हिंदुओं से कहते हैं कि दो से ज्यादा बच्चे पैदा करें। मैं उनसे कहना चाहती हूं – आप कहते हैं कि ज्यादा बच्चे पैदा करो, फिर नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार से पूछिए कि क्या वे उन्हें खिलाने-पिलाने का इंतजाम करेंगे।’ एक अन्य कार्यक्रम में करीब 2000 युवा दंपतियों को संबोधित करते हुए भागवत ने उनसे पारिवारिक मूल्यों के लिए काम करने की अपील की और कहा कि वे अपने बच्चों में देशभक्ति की भावनाएं जगाएं।