लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी दलों ने अपनी-अपनी तरह से तैयारी कर दी है। देश में सबसे ज्यादा सांसद देने वाले राज्य उत्तर प्रदेश की हर बार की तरह 2024 में भी सरकार गठन में बड़ी भूमिका होगी। 2022 विधानसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन से उत्साहित यूपी वेस्ट की पार्टी RLD भी आगामी चुनाव में अपनी बड़ी भूमिका देख रही है, लेकिन बीते रविवार को मेरठ में ऐसा हुआ, जिससे उसकी चिंता बढ़ना स्वभाविक है।
दरअसल बीते रविवार को लोकदल के नए राष्ट्रीय महासचिव विजेंद्र सिंह ने मेरठ में एक बड़ा ऐलान किया विजेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चनाव पूरी ताकत के साथ लड़ेगी। इस दौरान विजेंद्र सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी पूरे यूपी में किसानों के मुद्दे पर काम करेगी, गन्ना किसानों की समस्याएं उठाएगी और कर्ज माफी करवाने के लिए आंदोलन भी करेगी।
लोकदल जयंत के लिए टेंशन कैसे?
जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल को पिछले लोकसभा चुनाव में निराशा का सामना करना पड़ा था। जयंत चौधरी और उनके पिता दोनों ही लोकसभा चुनाव हार गए थे। 2022 विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन कर जयंत को कुछ फायदा तो हुए लेकिन अब यूपी वेस्ट में मिलते जुलते नाम वाली ‘लोकदल’ का एक्टिव होना उनके लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।
RLD के लिए लोकदल खतरे की घंटी इसलिए भी है क्योंकि उसके राष्ट्रीय महासचिव किसानों के ही मुद्दों उठाने की बातकर अपने इरादे स्पष्ट कर चुके हैं। RLD का थोड़ा बहुत बेस किसानों के बीच में ही है, अगर लोकदल किसानों में अपने नाम और काम से थोड़ा भी कन्फ्यूजन पैदा करता है तो यह जयंत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
विजेंद्र ने रोड शो दिखाई ताकत
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में विजेंद्र सिंह ने जयंत चौधरी को आड़े हाथ लेते हुए किसानों के लिए उनके द्वारा किए गए काम को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि लोकदल किसानों की पार्टी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पहले विजेंद्र ने गाजियाबाद से मेरठ के बीच एक रोड शो के जरिए अपनी ताकत का अहसास करवाने की भरपूर कोशिश की। गाजियाबाद से मेरठ तक जगह-जगह उनका स्वागत किया।
RLD को लोकदल से कितना खतरा?
RLD की यूथ विंग के राष्ट्रीय सचिव अभिषेक त्यागी से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले अभी ऐसे कई दल आएंगे जिनका जमीन पर कोई वजूद नहीं है, वो हवा में किसानों की बात करेंगे। RLD किसान, मजदूर के बीच काम करने वाली पार्टी है, बुजुर्गों का आशीर्वाद और युवाओं का प्यार हमारे नेता जयंत चौधरी के साथ है। इसलिए ऐसे आधार विहीन दलों के मैदान में आने से RLD पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला और 2024 में जब परिणाम आएंगे, तब यह पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगा।
