गुरुवार (25 जनवरी) को देशभर के सिनेमा घरों में निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म ‘पद्मावत’ रिलीज होने जा रही है। सेंसर बोर्ड के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इसकी मंजूरी दे दी है मगर करणी सेना के लोग अभी भी हंगामा कर रहे हैं और फिल्म रिलीज नहीं होने देने की बात कह रहे हैं। बता दें कि यह फिल्म भक्ति काल के निर्गुण प्रेमाश्रयी धारा के महाकवि मलिक मुहम्मद जायसी की कालजयी रचना ‘पद्मावत’ पर आधारित है। जायसी का जन्म सन 1500 के आसपास उत्तर प्रदेश के जायस नामक स्थान पर हुआ था। मौजूदा समय में जायस अमेठी जिले के तहत आता है। उनके नाम में जायसी शब्द का प्रयोग यह सूचित करता है कि वे जायस नगर के निवासी थे। इस संबंध में कवि ने लिखा है, जायस नगर मोर अस्थानू। यानी मेरा जन्मस्थान जायस नगर में है।

अब कम ही लोगों को पता है कि इस स्थान से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गहरा लगाव है। योगी के गुरू गोरक्षनाथ की जन्मस्थली भी जायसी है मगर वह बदहाल सूरत में है। ईटीवी के मुताबिक जायस में गोरखनाथ मंदिर की करीब 15 बीघे के जमीन पर भू माफियाओं ने कब्जा कर रखा है। अब सिर्फ पांच बीघे जमीन ही मंदिर के पास बची है। मंदिर भी जर्जर हो चुका है। वहां सिर्फ खंडहर बचा है। इस खंडहर में आज भी बाबा गोरक्षनाथ पिंडी के रूप में मौजूद हैं। मंदिर में तीन और पिंड हैं जो इनके तीन शिष्यों के बताए जाते हैं। मंदिर की देखरेख में जुटे लोगों का कहना है कि मंदिर की अधिकांश जमीन पर माफियाओं ने कब्जा कर रखा है।

इस मंदिर के दूसरी तरफ मलिक मुहम्मद जायसी का जन्मस्थल है। वह घर भी जमींदोज हो चुका है। पिछले साल जब योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाली तो जायस के लोगों की उम्मीदें जाग गईं। इन्हें भरोसा है कि सीएम योगी अपने गुरू को श्रद्धांजलि देने एक दिन जरूर जायस आएंगे और यहां की सुध लेंगे। लोगों की मांग है कि भू माफिया से जमीन वापस कब्जे में लेकर मुख्यमंत्री वहां एक भव्य मंदिर का निर्माम कराएं, ताकि जायस एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सके। बता दें कि स्थानीय चुनावों में भी जायस नगर पालिका में पहली बार बीजेपी की जीत हुई है।