केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उनके दौरे का मंगलवार (10 मई, 2022) को अंतिम दिन है। इस दौरान उन्होंने लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं। यहां उन्होंने छात्रों को टैबलेट भी बांटे। इसी दौरान उन्होंने एक छात्रा नीतू पधारी को इसरो ले जाने का वादा किया है।
उन्होंने कहा कि एक गांव के सामान्य परिवार की लड़की इसरो के लिए तैयारी करना चाहती है। यह जानकर मेरा दिल खुश हो गया है। उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि नीतू को कम से कम एक बार इसरो की अनुमति से इसरो का प्रांगण दिखाऊं।
नीतू पधारी ने कहा, “मुझे टैबलेट मिला इसके लिए मैं दीदी (स्मृति ईरानी) का धन्यवाद करना चाहती हूं और मेरा सपना है कि मुझे इसरो जाना है।” नीतू ने बताया कि स्मृति ईरानी ने उनसे कहा कि अपने पापा से अनुमति ले लेना और 10 जून को इसरो लेकर जाएंगे और दिखाएंगे कि वहां कैसे क्या होता है।
नीतू ने बताया कि बचपन से ही साइंटिस्ट और अंतरिक्ष के बारे में देखकर अच्छा लगता था। सोचा कि अगर इंजीनियरिंग में जाना है तो कुछ अच्छा करूं और देश के लिए कुछ करूं। पहले वे आर्मी में जाना चाहती थी, लेकिन फिर जा नहीं सकी।
उन्होंने बताया कि आर्मी और इसरो दोनों को इसलिए चुना क्योंकि इसके जरिए देश के लिए कुछ करना चाहती थी। नीतू ने कहा कि स्मृति ईरानी ने उससे कहा कि वे पहले इसरो दिखाएंगी और उसके बाद बताएंगे कि इसरो में जाने के लिए कैसे तैयारी करनी है।
आज दौरे के दूसरे दिन स्मृति ईरानी टीचर की भूमिका में दिखाई दीं और उन्होंने यहां बच्चों को हिंदी पढ़ाई। गौरीगंज के मनीपुर गांव स्थित प्रकाश सरस्वती शिशु मंदिर गईं और 15 मिनट छात्रों को हिंदी की क्लास दी। इसके बाद वे जयपुरिया स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए गईं।
इससे पहले स्मृति ईरानी ने आज मुंशीगंज के गेस्ट हाउस में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और इलाके की रिपोर्ट ली। इसके अलावा, जनता दरबार लगाकर उन्होंने लोगों की समस्या भी जानी।