कानपुर हिंसा मामले में पुलिस के एक्शन पर असंतुष्टि जताते हुए AIMIM की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि यह एकपक्षीय कार्रवाई है। उन्होंने हिंसा के लिए दूसरे पक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पुलिस की मौजूदगी में पत्थर चले हैं इसीलिए हिंसा भड़की। इतना ही नहीं पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि हवालात में लोगों को कुत्तों की तरह मारा जा रहा है, पुलिस को किसने यह अधिकार दिया है।

उन्होंने कहा कि कानपुर की घटना का वीडियो देखिए उसमें पुलिस वाले खुद ही पत्थर मार रहे हैं। पुलिस को पत्थर मारने का अधिकार किसने दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस के पास वॉटर कैनन, लाठी चार्ज और रबड़ की गोली जैसी तमाम चीजें हैं। यह पत्थर मारने का अधिकार किसने दिया है।

वहीं, उन्होंने कानपुर हिंसा के लिए दूसरे पक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अगर दूसपे पक्ष के लोगों ने बम या पत्थर ना चलाए होते तो कानपुर की घटना ना होती। शौकत अली का कहना है कि लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन किया जा रहा था, लेकिन दूसरे पक्ष के लोगों की वजह से भीड़ उग्र हुई।

एआईएमआईएम नेता ने कहा, “वो अगर धरना या प्रोटेस्ट था तो उसमें दूसरे पक्ष के लोगों को जाने की जरूरत नहीं थी। अफसोस की बात है कि पुलिस की मौजूदगी में 16 साल के बच्चे को लिंचिंग करने की कोशिश की गई। उसको पुलिस लेकर गई इलाज के लिए और उसे जेल में डाल दिया।” साथ ही उन्होंने सहारनपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि हवालात में ले जाकर लोगों को कुत्तों की तरह मार रहे हैं। यह अधिकार पुलिस को किसने दिया है।

समाजवादी पार्टी को भी घेरा
वहीं, पुलिस की कार्रवाई को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के ट्वीट को लेकर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी और कहा कि अच्छी बात है पहली बार उन्होंने यह बात कही। वो तो मुसलमानों का नाम लेने से भी डरते हैं, लेकिन अच्छी बात है अगर उन्होंने इतना लिखा- “हवालात पर सवालात”। मैं उनका शुक्रिया अदा भी करूंगा।

सपा, कांग्रेस, बसपा पर भी साधा निशाना
उन्होंने सपा, कांग्रेस और बसपा को भी निशाने पर लिया और कहा कि सरकारें किसी की भी रही हों, जुल्म का शिकार हर बार मुसलमान ही रहा है। पुलिस कस्टडी में खालिद मुजाहिद को मारा गया, तब समाजवादी की सरकार थी और फैसल को मारा गया तो बीजेपी की सरकार में।