कभी किराये पर बैंक खाता और एटीएम लेने के बारे में सुना है… नहीं ना तो जान लीजिए। आजकल कानपुर में किराये के बैंक खाते और एटीएम के सहारे साइबर क्राइम को अंजाम दिया जा रहा है। अंजाम देने वाले भी कोई ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है।
कानपुर पुलिस ने दो ऐसे शातिरों को गिरफ्तार किया है जो ऑनलाइन कंपनी बनाकर करीब चार करोड़ की ठगी को अंजाम दे चुके हैं। दोनों शातिर 10वीं और 12वीं पास हैं। कहने को तो दोनों कम पढ़े लिखे हैं लेकिन चूना इन्होंने अच्छे-अच्छे पढ़े लिखों का लगाया है। इन्होंने फर्जी ऑनलाइन कंपनी के सहारे कम से कम 100 लोगों को अपना शिकार बनाया है।
पुलिस के हत्थ चढ़े इन बदमाशों के नाम पंकज पाल और विकास श्रीवास्तव है। इन दोनों बदमाशों ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। ये फर्जीवाड़े की रकम मंगवाने के लिए किराये के अकाउंट और एटीएम कार्ड लेते थे। जिसके बदले खाताधारक को दस प्रतिशत कमीशन देते थे। इन लोगों को जो अकाउंट दिलाता उसे भी ये अलग से पैसे देते थे।
व्यापारियों को जब इस ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी। शिकायत शहर के ओवरसीज फर्नीचर के मालिक ने तब कराई जब उससे फर्जी ऑनलाइन कंपनी के नाम पर लाखों रुपये ठग लिए गए। पुलिस जब मामले की छानबीन में जुटी तो तीन खाताधारकों का पता चला। तीनों फर्जी कॉल सेंटर मामले में पहले से ही जेल में बंद हैे। यही तीनों से विकास श्रीवास्तव और पंकज पाल का नाम बताया, जिसके बाद पुलिस इन दोनों आरोपियों तक पहुंची।
पुलिस ने बताया कि इन आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में कार्रवाई की जाएगी। पुलिस इन आरोपियों की मदद करने वाले लोगों की तलाश कर रही है। उन लोगों को भी तलाश कर रही जो इन्हे किराये पर अपने अकाउंट और एटीम कार्ड देते थे। साथ ही पुलिस को उनकी भी तलाश है जो कमीशन पर इन्हें ये खाते दिलवाते थे।
दोनों आरोपियों में से विकास जहां 10वीं पास है वहीं पंकज ने 12वीं तक की पढ़ाई की है। फिलहाल पुलिस ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया और आगे की कार्रवाई में जुुट गई है।