उत्तर प्रदेश के कैराना संसदीय सीट और नूरपुर विधान सभा सीट पर होने वाले उप चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल ने आज (05 मई को) अपने-अपने प्रत्याशियों का एलान कर दिया है। एक दिन पहले ही शुक्रवार को दोनों दलों के बीच गठबंधन हुआ था। तालमेल के मुताबिक सपा नेता और पूर्व सांसद तबस्सुम हसन रालोद के टिकट पर कैराना चुनाव लड़ेंगी जबकि सपा नेता नईमुल हसन को नूरपुर से सपा के टिकट पर ही उतारा गया है। इससे पहले खबरें आई थीं कि गठबंधन के तहत कैराना सीट सपा के खाते में गई है जबकि नूरपुर सीट रालोद के खाते में गई है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक तौर पर इसका एलान नहीं किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि रविवार (06 मई) को दोनों दल इसका औपचारिक एलान करेंगे।
रालोद के प्रवक्ता अनिल दूबे ने एलान किया था कि दोनों दल साथ मिलकर कैराना और नूरपर उप चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा साल 2019 का लोकसभा चुनाव भी साथ-साथ लड़ेंगे। इस समझौते के तहत ही सपा ने अपने कैंडिडेट को कैराना से रालोद के टिकट पर लड़ाने का फैसला किया है। बता दें कि 2015 के बिहार विधान सभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए राजद अध्यक्ष लालू यादव और नीतीश कुमार की जेडीयू ने गठबंधन किया था। इस गठबंधन के तहत भी दोनों पार्टियों ने सीटों का बंटवारा किया था मगर कई सीटों पर दूसरे दल के प्रत्याशियों को दूसरे दल के सिंबल पर चुनाव लड़ाया गया था। तबस्सुम साल 2009 से 2014 तक कैराना से ही बीएसपी की सांसद रह चुकी हैं।
कैराना सीट पर बीजेपी दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को उम्मीदवार बनाने जा रही है। हालांकि, अभी तक इसका औपचारिक एलान नहीं हुआ है। बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन से ही कैराना सीट खाली हुई है। नूरपर विधान सभा सीट भी बीजेपी विधायक लोकेन्द्र सिंह चौहान के निधन से खाली हुई है। सपा-रालोद के गठबंधन से कांग्रेस अलग-थलग पड़ी हुई है। हालांकि, कांग्रेस ने पहले ही कहा था कि कैराना में वो रालोद प्रत्याशी का समर्थन करेगी। उस वक्त सपा से रालोद का गठबंधन नहीं था। बदली परिस्थितियों में भी माना जा रहा है कि कांग्रेस रालोद का समर्थन करेगी।

