उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज डॉक्टर गौतम चौधरी को ट्रेन में सफर करने के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दरअसल जज पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से दिल्ली से प्रयागराज तक की यात्रा कर रहे थे और इस दौरान उनकी पत्नी भी उनके साथ थीं। लेकिन यात्रा के दौरान उन्हें काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत की।
रजिस्ट्रार ने घटना का लिया संज्ञान
इस घटना का इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने नॉर्थ सेंट्रल रेलवे प्रयागराज के जनरल मैनेजर से जवाब मांगा है। रजिस्ट्रार ने जनरल मैनेजर को लिखे पत्र में कहा कि हाई कोर्ट के जज को ट्रेन में सफर के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ट्रेन करीब 3 घंटे तक लेट थी। इसके संबंध में कई बार टीटीई को सूचित किया गया, लेकिन कोई भी जीआरपी का कर्मी उनसे मिलने के लिए नहीं आया।
इसके अलावा ट्रेन के पैंट्री कार की भी शिकायत की गई है। रजिस्ट्रार ने कहा कि सफर के दौरान जज और उनकी पत्नी को कोई रिफ्रेशमेंट नहीं दिया गया, जबकि उन्होंने इसके लिए कई बार फोन किया। इससे खफा होकर जज ने पैंट्री कार के मैनेजर राज त्रिपाठी को फोन किया, लेकिन उनका फोन भी नहीं उठा। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार ने आगे लिखा कि जज ने इस संबंध में जिम्मेदार रेलवे के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।
रेलवे में है कर्मचारियों की कमी
बता दें कि कर्मचारियों की भारी कमी के कारण रेल चालकों को अपने शिफ्ट से अधिक समय तक काम करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में इसे दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण बताया गया था। नियमों के अनुसार किसी भी परिस्थिति में चालक दल के काम का समय 12 घंटे से अधिक नहीं हो सकता।
अलग-अलग जोन में लोको पायलट को अपने शिफ्ट से अधिक इसलिए काम करना पड़ रहा है क्योंकि रेलवे में लोगों की कमी है। इस साल के मार्च, अप्रैल और मई के फर्स्ट हाफ में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 12 घंटे से अधिक समय तक ड्यूटी करने वाले लोको पायलट्स की संख्या क्रमश: 35.99%, 34.53% और 33.26% थी।