उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। कोरोना से मरने वाले लोगों को मिलने वाली मदद को हासिल करने के लिए जिन पांच लोगों के नाम पर आवेदन किया गया वो दरअसल जिंदा थे। डीएम के संज्ञान में ये मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया।

प्रशासन ने सीएमओ कानपुर को आदेश दिया है कि मामले की जांच करके दोषियों के खिलाफ सख्त सख्त कार्रवाई की जाए। सीएमओ मे तीनों दोषी अस्पतालों से जवाब तलब किया है। हालांकि, अभी केवल 1 अस्पताल ने अपना जवाब भेजा है। उन्होंने बाकी दो अस्पतालों को फिर से हिदायत देकर कहा है कि 22 तक अगर उनके पास जवाब नहीं आया तो सख्त एक्शन लिया जाएगा।

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक GSVM मेडिकल कॉलेज ने ऐसे 3 लोगों को मरा हुआ दिखाया जो जिंदा हैं। बाकी दो अस्पतालों का नाम नारायण मेडिकल कॉलेज और MKCH हॉस्पिटल है। GSVM मेडिकल कॉलेज का कहना है कि डिस्चार्ज पेशेंट की लिस्ट को बनाने में गड़बड़ी हुई। जहां डिस्चार्ज लिखा जाना था वहां गलती से डेड टाईप हो गया।

दरअसल ये खामी तब पकड़ में आई जब सीएमओ की एक लिस्ट को डीएम ने क्रास चेक करने के लिए रेवेन्यु महकमे के पास भेजा। वहां लिस्ट देखने पर हड़कंप मच गया। इसके बाद डीएम नेहा शर्मा ने सीएमओ नेपाल सिंह से जवाब तलब किया। सीएमओ के हाथ पैर फूल गए और तत्काल उन्होंने इस मामले की अपने स्तर से जांच कराई।

रिपोर्ट में पता चला कि डीएम की आपत्ति सही थी। तीनों अस्पतालों ने पांच ऐसे लोगों के नाम लिस्ट में भेजे जो अभी जिंदा हैं। सीएमओ का कहना है कि तीनों अस्पतालों के खिलाफ सख्त एक्शन होगा। फिलहाल ये नहीं पता चल सका है कि बाकी के दोनों अस्पतालों का क्या जवाब आया। उनकी डेडलाइन आज खत्म हो रही है। ध्यान रहे कि कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजनों को यूपी सरकार 50 हजार रुपये की रकम सहायता की मद में देती है।