ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर इन विवाद सुर्ख़ियों में है। वाराणसी की निचली अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण और इसकी वीडियोग्राफी करने का आदेश दिया था, जिसके बाद एक सर्वे टीम के साथ गए विभाष दुबे ने दावा किया कि जब वह मस्जिद परिसर गए तो वहां पर स्वास्तिक का चिन्ह, कमल, फूलों की लड़ियां और मस्जिद की दीवार पर तराशा हुआ घंटा दिखाई दिया।

दुबे ने बताया कि मस्जिद में उत्तर और पश्चिम की ओर से सर्वे शुरू हुआ था, सबसे पहले बाहर लगे शिलापट्टों का अध्ययन शुरू किया गया। श्रृंगार गौरी वाले क्षेत्र में मौजूद शिलापट्टों पर कमल के फूल, फूलों की लड़ियां आदि बने हुए थे। इसके साथ उन्होंने कहा कि वहां ऐसी कई चीजें मौजूद है तो एक हिंदू सभ्यता में मिलती है। आगे बताया कि श्रृंगार गौरी के सामने वाली दीवार पर तराशा हुआ एक घंटा भी बना हुआ है। उन सभी को देखकर ऐसा नहीं लगता कि इन्हें किसी शरारती तत्व ने यूंही बना दिया हो बल्कि ऐसा लगता है कि इन्हें किसी कुशल कारीगर ने बनाया है।

इसके साथ उन्होंने बताया कि जब उत्तर से पश्चिम दीवार की ओर किया गया, जहां पर नंदी जी बैठे हुए हैं। उस स्थान पर कई कलाकृतियां देखने को मिली। वहीं, दक्षिण और पश्चिम की दीवार पर स्वास्तिक का चिन्ह दिखा। इसके साथ उन्होंने विष्णु जी शेषनाग देखने का भी दावा किया।

मस्जिद की दीवार को खुरचने की बात गलत:दुबे ने कहा कि सर्वे के दौरान मस्जिद की दीवार खुरचने की बात सामने आई थी जो सरासर गलत है। ऐसा कोई भी कार्य नहीं किया गया है कि जिससे मस्जिद को नुकसान पहुंचे। केवल रिकॉर्डिंग करने की दिए धूल उठाई गई थी। यदि किसी चीज पर धूल जमा होगी तो आप रिकॉर्ड कैसे कर सकते हैं।

नारे सुन लग गया था डर: दुबे ने बताया कि जब वह वीडियोग्राफी कर रहे थे तो बाहर से “अल्लाह-हू-अकबर” और “हर-हर महादेव” के नारे सुन डर लगा था। इसके साथ जब वह सर्वे के बाद बाहर आए तो टोपी में खड़े लोगों को देखकर डर गए थे।