भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने गुरुवार को नोएडा में किसानों के आंदोलन को भटक जाने और भ्रष्टाचार की गिरफ्त में आ जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आंदोलन की जब शुरुआत हुई थी, तब उसमें नैतिकता थी, लेकिन धीरे-धीरे यह धनकमाऊं लोगों के हाथ में आ गया। आज जो नेता इसे चला रहे हैं, वे पैसे वसूली में लग गए हैं।

किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाया। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि “राकेश टिकैत और उनके साथियों का हमेशा से यही काम रहा है, आंदोलन को बेचना और अपना पेट भरना। वे यहां आंदोलन कर रहे थे तब कांग्रेस की फंडिंग चल रही थी। वे बंगाल में ममता बनर्जी से पैसे लेने गए थे।” कहा कि अब किसान आंदोलन राकेश टिकैत के हाथ में है। वह धन वसूली कर रहे हैं। पहले कांग्रेस से वसूला, अब तृणमूल कांग्रेस की शरण में गए हैं। बंगाल जाकर ममता बनर्जी से फंड के बारे में बातें कीं। वे शुरू से यही काम करते रहे हैं।

राकेश टिकैत हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने बंगाल सरकार द्वारा किसानों के लिए लाई गई योजनाओं पर भी चर्चा की थी। मुलाकात के दौरान राकेश टिकैत ने सीएम ममता बनर्जी को बताया कि देश का विपक्ष बहुत कमजोर है। अगर वह मजबूत होता तो उन्हें सड़क पर बैठने की जरूरत नहीं होती।

राकेश टिकैत ने सीएम ममता बनर्जी से हुई मुलाकात के बारे में कहा था, “मीटिंग में सबकुछ ठीक था। हमने उनसे पूछा कि राज्य में क्या-क्या योजनाएं चल रही हैं और क्या बेहतर योजनाएं हो सकती हैं? उन्होंने हमें किसानों के लिए जारी की गई अपनी योजनाओं को डाटा भी दिखाया।”

राकेश टिकैत ने अपने बयान में आगे कहा, “ममता बनर्जी ने कहा कि जो तीन काले कानून आ रहे हैं, वह उनके विरोध में हैं। उन्होंने पहले भी किसानों को समर्थन दिया है और बताया कि वह अब भी किसानों के साथ खड़ी हैं। हमने उनसे यह कहा है कि देश में विपक्ष काफी कमजोर है। अगर देश में विपक्ष मजबूत होता तो हमें सड़क पर बैठने की जरूरत ही नहीं होती।”