समाजवादी नेता शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। इसके बाद वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने भी पहुंचे। मुख्यमंत्री से यह मुलाकात करीब 20 मिनट तक चली। हालांकि वो आज दोपहर में ही हुई अपने भतीजे अखिलेश यादव की बैठक में नहीं पहुंचे थे। इसे समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन में तनाव का संकेत माना जा रहा है।

शिवपाल ने कहा कि बहुत जल्द मैं हर चीज के बारे में बात करूंगा और सब कुछ बता दूंगा। उन्होंने समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर इटावा की जसवंतनगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। वो आज मंगलवार को लखनऊ में ही अखिलेश यादव और सपा सहयोगियों के बीच हुई बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इससे पहले, वह राज्य विधानसभा के शपथ समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे।

बुधवार को शिवपाल के साथ तीन अन्य विधायकों कैंपियारगंज (गोरखपुर) से फतेह बहादुर सिंह, गोविंदनगर (कानपुर) से सुरेंद्र मैथानी और बिलग्राम-मल्लावा (हरदोई) से आशीष कुमार सिंह ने भी शपथ ली। हालांकि विधानसभा अधिकारियों ने उनके देर से शपथ लेने के बारे में कुछ नहीं कहा। सपा के ही आजम खान और कैराना विधायक नाहिद हसन समेत छह विधायकों ने अभी तक शपथ नहीं ली है।

ध्यान रहे कि 2017 के बाद से अलग-अलग रहने के बाद अखिलेश यादव और शिवपाल यादव ने चुनाव से ठीक पहले आपसी रिश्ते सुधारने का फैसला किया था। आपसी मनमुटाव के कारण शिवपाल यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी बनायी थी। इस बार शिवपाल सपा के चुनाव चिन्ह पर अपनी पारंपरिक जसवंतनगर सीट से छठी बार जीते हैं।

24 मार्च को सपा विधायकों की बैठक में शिवपाल यादव को नहीं बुलाए जाने के बाद उनके रिश्ते में ताजा तल्खी आई, हालांकि उन्होंने साइकिल के निशान पर चुनाव लड़ा था और यहां तक कि करहल विधानसभा क्षेत्र में अखिलेश के लिए प्रचार भी किया था। इस पर खुद शिवपाल ने नाराजगी जताई थी।