उत्तर प्रदेश में इंटेलिजेंस के महानिदेशक देवेंद्र सिंह चौहान को राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को आईपीएस मुकुल गोयल को डीजीपी के पद से हटा दिया था। इसके बाद गुरुवार को डीजी इंटेलिजेंस डीएस चौहान को सूबे का कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है।
आईपीएस मुकुल गोयल को हटाए जाने के बाद ऐसी खबरें थीं कि नए पुलिस महानिदेशक चुने जाने तक अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार को डीजीपी का कार्यभार संभालने को कहा गया है। हालांकि, गुरुवार को अब डीएस चौहान को सूबे का कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है।
अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा जारी एक चिट्ठी के मुताबिक, डीजीपी मुकुल गोयल के ट्रांसफर के बाद, डीजी इंटेलिजेंस डीएस चौहान को पुलिस महानिदेशक (विभागाध्यक्ष) को अतिरिक्त प्रभार देने का फैसला लिया गया है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से जनवरी, 2020 में उत्तर प्रदेश लौटे डीएस चौहान सीआरपीएफ में आईजी के पद पर तैनात रह चुके हैं। 1988 बैच के डीजी रैंक अफसर डीएस चौहान छत्तीसगढ़ में तैनात रह चुके हैं।
मूलत: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के रहने वाले डीएस चौहान महाराष्ट्र के सतारा में हुआ था। 1988 के बैच के आईपीएस डीएस चौहान 2006 से 2011 और 2016 से 2020 तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रह चुके हैं। डीएस चौहान गाजियाबाद, आगरा, बुलंदशहर, सहारनपुर और रामपुर समेत कई जिलों के एसपी समेत महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
आईपीएस मुकुल गोयल को सरकार ने हटाया
इसके पहले, आईपीएस मुकुल गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने एवं अकर्मण्यता के चलते डीजीपी पद से मुक्त कर दिया गया है और उनको डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेज दिया है। यूपी के मुजफ्फरनगर के रहने वाले मुकुल गोयल 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। मुकुल गोयल पहले भी विवादों में रह चुके हैं। 2006 में तत्कालीन मुलायम सिंह की सरकार के दौरान पुलिस भर्ती घोटाले में मुकुल गोयल का नाम सामने आया था। इस मामले में अभी याचिका लंबित है। वहीं, एक मामले में आईपीएस अधिकारी को निलंबित भी किया जा चुका है।