कोरोनाकाल में यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने वाले यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक एक्टिव नजर आ रहे हैं। शुक्रवार ( 20 मई, 2022) को उन्होंने उत्तर प्रदेश मेडिसिन सप्लाई कार्पोरेशन के गोदाम पहुंचकर वहां की व्यवस्थाओं की जांत की। साथ ही मानक अनुरूप दवाइयों की उपलब्धता व सप्लाई रिपोर्ट का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने लगभग साढ़े सोलह करोड़ रुपये की एक्सपायरी दवाएं पकड़ीं।

इस दौरान डिप्टी सीएम ने कंप्यूटर से डाटा निकलवाकर डिटेल्स को वेरिफाई करने के लिए कंप्यूटर से मिलान भी करवाया। इसके बाद वीडियोग्राफी कराई और डॉक्यूमेंट जब्त किए। उन्होंने तत्काल इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए समिति का गठन कर तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया है। इस दौरान उन्होंने एक-एक पाई की वसूली अफसरों से कराए जाने की भी बात कही है।

इससे पहले (12 मई, 2022) को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंचकर छापा मारा था। यहां दवा स्टोर में उनको लापरवाही देखने को मिली थी। यहां उन्होंने करोड़ों रुपये की दवाएं पकड़ी थी। इस दौरान उन्होंने मौजूद चिकित्सकों को जमकर फटकार लगाई थी। डिप्टी सीएम ने कहा था कि अगर इन दवाओं का ऑडिट कराया जाए तो करोड़ों रुपये की दवाएं होंगी। इसका जिम्मेदार कौन है? यह आप लोगों को तय करना होगा। पकड़ी गईं दवाएं न तो मरीजों को दी गईं थीं, और न तो उन्हें वापस किया गया था। जिसके चलते वो दवाएं एक्सपायर हो गईं थीं। इस पूरे मामले पर डिप्टी सीएम ने कड़ी नाराजगी जताई थी। साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव को जांच करने का आदेश दिया था।

बता दें, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के पास स्वास्थ्य मंत्रालय है। ब्रजेश पाठक इस वक्त यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था को तेज गति से पटरी पर लाने की भरसक कोशिश कर रहे हैं। वह अब तक यूपी के कई अस्पताल का दौरा कर चुके हैं। जहां उनको स्वास्थ्य व्यवस्था में भारी खामियां देखने को मिली हैं।