देवरिया नरसंहार मामले को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक बवाल छिड़ा हुआ है। सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी समाजवादी पार्टी ने 2 अक्टूबर को देवरिया के फ़तेहपुर गांव में हुई हत्याओं पर एक-दूसरे पर जाति की राजनीति का आरोप लगाया है। यह मामला बहुत पुराने जमीन विवाद को लेकर देवरिया में छह लोगों की हत्या से जुड़ा है। जिसमें एक ब्राह्मण और एक यादव परिवार शामिल था। राज्य सरकार ने हत्याओं के मद्देनजर लापरवाही के लिए 15 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस झड़प में जहां यादव परिवार का एक सदस्य मारा गया है वहीं बाकी मारे गए सभी लोग ब्राह्मण दुबे परिवार के थे। पुलिस ने अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया है।
क्या है राजनीतिक बवाल?
रविवार 8 अक्टूबर को भाजपा के देवरिया विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने गांव का दौरा किया और एक शोक सभा में भाग लिया। उन्होंने हमले में जीवित बचे लोगों में से एक अनमोल दुबे को एक चेक भी सौंपा। वरिष्ठ सपा नेता शिवपाल यादव ने एक्स पर त्रिपाठी पर निशाना साधते हुए कहा, “विधायक महोदय, सपा विपक्ष में है, आपको इस घटना को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करना बंद करना चाहिए और प्रशासन की जिम्मेदारी तय करनी चाहिए, अगर आपमें हिम्मत है तो कृपया निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करें।”
देवरिया में सपा नेताओं ने यह भी सवाल किया है कि भाजपा नेतृत्व चाहे वह उनके विधायक, उनके मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य हों, केवल एक ही परिवार से क्यों मिले। सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम ब्रिजेश पाठक दोनों ही ब्राह्मण परिवार से मिलने पहुंचे थे।
भाजपा और समाजवादी पार्टी आमने-सामने
मंगलवार को सपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने फतेहपुर में दुबे और यादव दोनों परिवारों के सदस्यों से मुलाकात की और समर्थन का वादा किया। प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “भाजपा जातीय जंग शुरू करने की कोशिश कर रही है, वे सब कुछ एक परिवार के पक्ष में कर रहे हैं, जबकि दोनों परिवारों को भारी नुकसान हुआ है।”
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि यह एसपी ही है जो जाति की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, ”मैं केवल दुबे परिवार के सदस्यों को सम्मान देने के लिए शोक सभा में शामिल हुआ था। उन्होंने कहा कि उन्होंने अनमोल को जो 50 लाख रुपये दिए थे, वह क्राउडसोर्सिंग के जरिए इकट्ठा किए गए थे।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा, ”सपा नेता इस घटना को जातिगत पहलू देने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि पार्टी ऐसी घटनाओं में शामिल है। यह लड़ाई किसी जाति या समुदाय की नहीं है, यह भू-माफिया के खिलाफ लड़ाई है, हम कमजोर व्यक्ति के साथ खड़े हैं और वे (सपा) भू-माफिया के साथ खड़े हैं।”