भारतीय रेलवे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चारबाग स्टेशन में मौजूद गांधी उद्यान को संवारने की तैयारी कर रहा है। ऐतिहासिक रूप से यह जगह काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि महात्मा गांधी और नेहरू यहीं पहली बार मिले थे। यहां एक अधिवेशन में शामिल होने के लिए दोनों ट्रेन से आए थे और चारबाग स्टेशन पर ही पहली बार मिले। इस यादगर लम्हे को संजोकर रखने के लिए बाद में यहां गांधी उद्यान का निर्माण किया गया। इस मुलाकात और अधिवेशन से जुड़ी महत्वपूर्ण यादों को अभी भी यहां पर संजोकर रखा गया है। आइए जानते हैं इस मुलाकात की कहानी-
वो क्रिसमस का समय था जब 26 दिसंबर, 1916 में चारबाग स्टेशन पर महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू पहली बार मिले थे। लखनऊ स्वतंत्रता आंदोलन के महत्वपूर्ण केंद्रों में से एक था। 1916 में कांग्रेस के 31वें अधिवेशन में भाग लेने के लिए गांधी और नेहरू यहां आए थे, जो हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रसिद्धि प्रतीक ‘लखनऊ पैक्ट’ के रूप में समाप्त हुआ था। इस अधिवेशन में हिंदुस्तानियों को दूसरे देशों में मजदूरी के लिए भेजने की प्रथा को खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया था। नेहरू ने अपनी आत्मकथा “टुवर्ड फ्रीडम” में महात्मा गांधी के साथ पहली मुलाकात का जिक्र करते हुए उनकी पहली छाप के बारे में बताया था।
उन्होंने बताया कि जब उनकी ये मुलाकात हुई थी तब दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी की वीरतापूर्ण लड़ाई के लिए उनकी प्रशंसा की गई। उन्होंने बताया, “गांधी मुझे राजनीति से बहुत दूर और हम युवाओं से काफी अलग महसूस हुए। उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में जाने से इनकार कर दिया और साऊथ अफ्रीका से जुड़े अपने सवालों तक ही समीति कर लिया।”
उस वक्त अंग्रजों का राज था और वे भारतीयों को अफ्रीका, कैरिबियाई देशों और फिजी में मजदूरी के लिए ले जाया करते थे, जिसका विरोध किया गया। नेहरू चाहते थे कि गांधी भारतीयों को दूसरे देशों में काम करने जाने से रोकें। इसे लेकर एक बिल नेहरू ने कांग्रेसियों के सामने पेश किया, जिसका महात्मा गांधी ने भी समर्थन किया। इसके बाद चारबाग स्टेशन के विस्तार और आजादी के दौरान रेलवे ने इन यादगार लम्हों को संजोने के लिए गांधी उद्यान निर्मित कर दिया, जहां एक हेरिटेज इंजन और एक शिलापाट है, जिसमें इस मुलाकात का जिक्र किया गया है।
चारबाग स्टेशन को संवारने के लिए क्या है रेलवे की तैयारी
चारबाग स्टेशन में स्थित गांधी उद्यान को संवारने के लिए इसके आसपास आलमबाग समेत अन्य क्षेत्रों में सैर के लिए पार्क विकसित किए जाएंगे। रेलवे ने पार्क के बगल में ही एक रेस्टोरेंट ऑन व्हील के लिए भी स्थान चिन्हित किया है। इसके अलावा, गांधी उद्यान में म्यूजियम सिस्टम, झूले और फव्वारे भी लगाए जाएंगे।