यूपी के चंदौली जिले के सैयदराजा क्षेत्र में रविवार को पुलिस की दबिश के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवती की मौत हो गई। इस मामले में सोमवार को निलम्बित थानाध्यक्ष समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का का कहना है कि अगर जांच में पुलिस दोषी पाई जाती है तो एक्शन जरूर लिया जाएगा। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि युवती के शव की वीडियो ग्राफी कराई गई है। घरवालों की मांग के अनुसार केस दर्ज किया जा रहा है। सारे मामले पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि ये जाति के आधार पर जानबूझकर की गई वारदात है। उनका कहना है कि आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
मनराजपुर गांव में पुलिस का एक दल रविवार को एक हिस्ट्रीशीटर बालू कारोबारी कन्हैया यादव को पकड़ने के लिए उसके घर पहुंचा था। आरोप है कि पुलिस ने कारोबारी के घर पर नहीं मिलने पर उसके परिजनों से मारपीट की। एक पुलिसकर्मी ने घटना के दौरान हिस्ट्रीशीटर की 24 साल की बेटी से बलात्कार के बाद मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई। युवती की अगले महीने शादी होने वाली थी। घटना की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों ने पुलिस दल को घेर लिया। सिपाही मुकेश कुमार और होमगार्ड के जवान छविनाथ को जमकर पीटा गया। इसमें छविनाथ की हालत गम्भीर है।
पुलिस ने मृत युवती के भाई की तहरीर पर थानाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह व चार महिला पुलिसकर्मियों समेत छह लोगों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। थानाध्यक्ष को पहले ही निलम्बित किया जा चुका है। चंदौली के एसपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि मृत युवती के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से करवाया गया है। इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। विसरा सुरक्षित कर लिया गया है। हालात के मद्देनजर गांव में पुलिस व पीएसी तैनात कर दी गई है।
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उधर, परिवार के मुखिया और गैंगस्टर एक्ट के आरोपी कन्हैया यादव ने कहा कि पुलिस ने उसकी बेटियों निशा यादव उर्फ गुड़िया (22) और गुंजा (18) को इतना पीटा कि गुड़िया की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि पुलिस के पास वारंट नहीं था। पुलिस केवल प्रताड़ित करने के लिए गई थी। एक लड़की को मौके पर ही मार दिया जबकि दूसरी घायल है एक लड़का है, जिसको पकड़ कर रातभर प्रताड़ित किया और फिर धारा 151 के तहत चलान करके जेल भेज दिया। जब उसे जमानत पर रिहा कराकर घर लौटे तो निशा की मौत का पता चला।
एक न्यूज चैनल से मृतका की छोटी बहन ने कहा कि जब पुलिस हमारे घर में घुसी तो हम दोनों अकेले थे। उसके बाद पुलिस हमें पीटने लगी। दो महिला पुलिसकर्मी और 8-10 पुरुषकर्मी मेरी बहन को कमरे में ले गए और उसकी पिटाई की। पुलिस करीब आधे घंटे के बाद चली गई। उसके बाद मैं उस कमरे में गई, तो अपनी बहन को पंखे से लटका देखा।