उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ओबीसी के बाद दलित उप-जातियों का ‘सम्मेलन’ आयोजित करने जा रही है। भाजपा सांसद कौशल किशोर ने कहा, “इस सम्मेलन को आयोजित करने का मकसद योगी सरकार द्वारा दलित समुदाय के विकास और लाभ के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में बताना है। यह बताना है कि अन्य पार्टियां उनके विकास की सिर्फ बातें करती है, लेकिन योगी सरकार ने उनके विकास के लिए काम किया है।” बुधवार को लखनऊ में जाटव के सम्मेलन के बाद पार्टी 24 नवंबर को कटेरिया, गौर, मुसहर और बहेलिया जाति का ‘सम्मेलन’ करेगी। 27 नवंबर को पार्टी सोनकार और खाटिक जाति, 28 नवंबर को कनौजिया, 29 नवंबर को कोरी और 30 नवंबर को वाल्मिकी जाति का सम्मेलन करेगी।

जाटव, जो राज्य में दलित आबादी का एक बड़ा हिस्सा है, को मायावती का मजबूत समर्थक माना जाता है। मायावती भी इसी जाति की हैं। भाजपा ने पहले 1 या 2 दिसंबर को पासी जाति के सम्मेलन की योजना बनाई थी, लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पार्टी द्वारा 1 से 15 दिसंबर तक तय ‘पद यात्रा’ कार्यक्रम के बाद इसका आयोजन किया जाएगा। भाजपा राज्य में पहले भी ओबीसी उप-जातियों का सम्मेलन कर चुकी है।

किशोर, जो उत्तर प्रदेश में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैं, कहते हैं, “हम यह साबित कर के दिखाएंगे कि भाजपा एक मात्र ऐसी पार्टी है, जिसने बी आर आंबेडकर के लक्ष्य को हासिल किया है। मायावती तो सिर्फ उनका नाम लेती हैं, स्मारक बनवाती हैं, लेकिन उनके नीतियों पर काम नहीं करती हैं। राममनोहर लोहिया या आंबेडकर, दोनों के मिशन को पूरा करने के लिए सिर्फ भाजपा ने काम किया है। मायावती के शासनकाल में दलित उनके एजेंडे में शामिल नहीं थे। वहीं, हमारी सरकार ने उन लोगों के लिए घर, बिजली के साथ-साथ गैस कनेक्शन की उपलब्धता को सुनिश्चित किया है। अंबेडकर के नाम पर स्मारक बनाने का मतलब यह नहीं होता है कि आप उनके द्वारा बताए गए रास्तों पर चल रहे हैं। लेकिन मायावती ने सिर्फ ऐसा ही किया। वहीं, कांग्रेस ने कभी दलितों के उत्थान के लिए कार्य नहीं किया।”

किशोर कहते हैं कि वे दलित उप-जातियों के सम्मेलन में यह बताएंगे कि भाजपा ने बी आर अंबेडकर से जुड़े पांच स्थानों, जिसमें उनका जन्म स्थान भी शामिल है, को विकसित कर ही सिर्फ उनका सम्मान नहीं किया, बल्कि यह भी बताया जाएगा कि कैसे राज्य और केंद्र सरकार दोनों ने उनकी नीतियों का भी पालन किया।

वहीं, इस सम्मेलन को लेकर कांग्रेस का कहना है कि इससे भाजपा को कोई मदद नहीं मिलने वाली है। पार्टी के अनुसूचित जाति के प्रदेश प्रभारी भगवती चौधरी कहते हैं, “जब दलित समुदाय के लोग संविधान में दिए गए अपनी शक्ति को हासिल करते हैं, तो भाजपा इसमें विश्वास नहीं करती है। यह मनु-स्मृति के रास्ते पर चलती है। दलित इन बातों को बखूबी समझते हैं। उन्हें उप-जातियों में बांटने से उनका मकसद कभी कामयाब नहीं होगा। कांग्रेस 26 नवंबर को दिल्ली के नेहरू स्टेडियम में संविधान दिवस मनाएगी।”